देहरादून- बढ़ती उम्र के साथ-साथ इंसान के हाथ-पैर, आंखे, हड्डिया सब जवाब देना शुरु कर देती है. इंसान सिर्फ दवाईयों के सहारे ही जीता है. ऐसे में दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला सबके लिए मिसाल बनी जो 113 साल होने के बावजूद आज तक लाठी-डंडे का सहारा नहीं लिया. हम बात करे रहे हैं दुनिया की सबसे उम्रदराज महिलाओं में से एक डोईवाला, रानीपोखरी क्षेत्र के भोगपुर की रतनदेई की. जिसने आज अपना 113 जन्मदिन धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने सपरिवार रतनदेई के घर जाकर उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
82 वर्षीये बेटे, 80 वर्षीय बहु, चार पौते, 10 परपौतों
आपको बता दें भोगपुर की रतनदेई के जन्मदिवस को उनके 82 वर्षीये बेटे, 80 वर्षीय बहु, चार पौते, 10 परपौतों ने मिलकर एक उत्सव की तरह मनाया, अपने पूरे 113 वर्ष के जीवन में अबतक अस्पताल न जाने वाली रतनदेई आज भी न उन्हे चलने के लिए न किसी लाठी का साहरा चाहिए, न ही देखने के लिए चश्मों का, न ही अपने काम करने के लिए किसी परिजन की मदद, रतनदेई 113 वर्ष की उम्र में भी खुद ही सीडीयां चढ़ती उतरती हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने बुजुर्ग रतनदेई को पुष्पगुच्छ भेंट किया साथ ही उपहार स्वरूप राधाकृष्णन का चित्र भी भेंट किया ।इस मौक़े पर अग्रवाल ने परिवार सहित रतनदेई से आर्शीवाद भी प्राप्त किया।
मुझे आश्चर्य कि हमारे प्रदेश में है 113 साल की उम्रदराज स्वास्थ महिला
मौक़े पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे आश्चर्य कि हमारे प्रदेश में भी 113 साल की उम्रदराज़ महिला स्वस्थ रूप से अपना जीवन यापन कर रही है अग्रवाल ने रतनदेई के जीने की जज्बे को सलाम किया।