देहरादून( मनीष डंगवाल) : केंद्र सरकार ने जहां 2030 तक देश में इलैक्ट्रिक वहनों के शत-प्रतिशत उपयोग का लक्ष्य रखा. वहीं उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वहनों के प्रयोग पर सरकार जोर दे रही है…इवेस्ंटर समिट से पहले उत्तराखंड सरकार ने इलैक्ट्रिक वहनों का प्रयोग उत्तराखंड में बढ़े इसके लिए इलैक्ट्रिक वहनों को बनाने वाली कम्पनियां प्रदेश में इवेंस्ट करे. इसको लेकर नीति भी बना ली है, जिसमें भारी छूट इलैक्ट्रिक वहनों को बनाने वाली कम्पनियों को उद्योग स्थापित करने और वहानों को खरीदने वालों को दी जाएंगी…वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम ने 50 इलैक्ट्रिक बसे खरीदने की कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत ट्रायल के रूप में एक बस देहरादून के रोड़वेज वर्कशाप पहुंच गई। जो जल्द सड़कों पर दौड़ती नजर आएगी।
कई मायनो में खास है इलेक्ट्रिक बस
ट्रायल के तौर पर जो बस परिवहन निगम ने हायर की उसकी बात करें तो हमारी टीम ने बस का बरीकी से जयजा लिया, जिससे कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रिक बस आज के युग लिए काफी फायदे मंद है। किन माइनों में खास फायदे मंद है बस इस आप को बताते है।
पर्यावरण प्रदूषण के लिहाज से खास
देश में आज बढ़ते वाहनों की संख्या से वाहनों से निकलने वाले धुएं से जहां सबसे ज्यादा प्रदूषण बढ़ रहा है…वहीं इलैक्ट्रिक बस से वाहन से निकले वाले धुएं से कोई प्रदूषण नहीं होगा, साथ ही ध्वनि प्रदूषण पर भी इसे पूरी तरह से अंकुश लगेगा…क्योंकि इलैक्ट्रिक बस में अगर आप सफर करे तो किसी तहर की आवाज आप को बस चलते समय सुनाई नहीं देंगी…वाहनों के बढ़ते पार्यावरण प्रदूषण को देखते हुए की केंद्र सरकार इलैक्ट्रिक वहनों को चलाने पर जोर दे रही है।
तेल के बढ़ते दामों से मिलेगी निजात
देश में आज जिस तरह से तेल के दाम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं उसे देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहन काफी फायदे मंद है. तेल से चलने वाले वाहनों और इलेक्ट्रिक वहानों की बात करें तो इलेक्ट्रिक वाहन भले ही कुछ महंगे जरूर हैं, लेकिन तेल से चलने वाले वाहनों की तुलाना में खर्चे की तुलना में उतने ही सस्ते भी हैं…
जी हां तुलानात्मक रूप में हमने जब इस बात का हिसाब लगाया के तेल से चलने और बैट्री चार्ज कर चलने वाले वाहनों में कितना अंतर है तो हम भी हैरान रह गए…तुलना के रूप में हमने परिवहन निगम की हायर इलेक्ट्रिक बस से ही की, इलेक्ट्रिक बस जहां एक बार बैट्री चार्ज करने पर ढाई सौ किलोमीटर की दूरी तय करती है और एक बार बैट्री चार्ज करने के लिए 120 बिजली की यूनिटों की जरूरत होती है, जिसका बिल अगर 6 रूपये यूनिट के हिसाब से लगाए तो 720 रूपये आता है…देहरादून से दिल्ली की दूरी करीब 250 किलोमीटर की है। और इलेक्ट्रिक बस देहरादून से दिल्ली महज 720 रूपये में पहुंच सकती है. तो वहीं डीजल से चलने वाले बस अगर दिल्ली की दूरी तय करेंगी तो तेल का खर्चा सीधे आज की तेल की कीमत के हिसाब से 4500 रूपये से ज्यादा आएगा।
महिला सुरक्षा के लिए भी खास है बस
बसों में महिलों के साथ छेड़छाड के मामले जहां बढ़ते जा रहे हैं, वहीं इलेक्ट्रिक बस महिला सुरक्षा को लेकर खास है..बस में इंटेलिजेंट ट्रांस पोर्ट सिस्टम लगा हुआ है। जिससे बस को आसानी से जीपीएस सिस्टम से ट्रैक किया जा सकता है, साथ ही पैनिक बटन बस में लगा हुआ जिसे दबाने पर सायरन बस में बजना शुरू हो जाएगा…अगर बस में किसी तरह कि दिक्क्त किसी को होती है तो वह पैनिक बटन का इस्तेमाल कर सकता है। इंटरनल सीसीटीवी कैमरे लगे होेने से महिलाएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस बस में कर सकती है। यहां तक कि बस की हर सीट पर मोबाईल चार्ज करने की भी सुविधा है।