बागेश्वर : जैसा की देखा जाता है अधिकतर उत्तराखंड के युवा विदेशों में जाकर होटल में नौकरी कर रहे हैं. देशभर के कई जाने माने होटलों में उत्तराखंड के युवा नौकरी कर रहे हैं. लेकिन कभी कभी विदेश में नौकरी करना उत्तराखंड और भारतीय युवाओं को भारी पड़ जाता है…उनके साथ वहां अमानवीय व्यवहार किया जाता रहा है…जिसके बाद उनके परिवार वालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है और कइयों को सकुशल वापस देश लाया गया है.
परिवार ने लगाई सरकार से मदद की गुहार
वहीं ऐसा ही हाल हुआ है बागेश्वर का रहने वाला वीरेंद्र आर्या के साथ. अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बागेश्वर निवासी वीरेंद्र आर्या मलेशिया गए थे लेकिन आज तक नहीं लौटे. मिली जानकारी के अनुसार वीरेंद्र को मलेशिया में बंधक बना लिया गया है. वहीं वीरेंद्र के परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. वहीं सरकार भी वीरेंद्र को वापस लाने में जुट गई है. इसी साथ जहां सरकार वीरेंद्र को वापस लाने के लिए जुटी है तो वहीं वीरेंद्र के परिवारवालों को डर है कि उनके बेटे के साथ कुछ गलत न हो जाए।
परिवार का कहना- बेटे को बनाया है बंधक
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भकुनखोला में रहने वाला 24 वर्षीय वीरेंद्र बीते 25 जनवरी से मलेशिया में है। परिजनों का कहना है कि वीरेंद्र को इमीग्रेशन वालों ने या फिर किसी एजेंट ने मलेशिया में बंधक बना लिया गया है। परिवार वालों का कहना है कि पिछले 10 दिनों से वीरेंद्र से संपर्क भी नहीं हो पाया। वीरेंद्र के पिता किशनराम ने बताया कि जब आखिरी बार उनकी बेटे से बात हुई थी तो वो डरा हुआ था। वीरेंद्र के पिता ने बताया कि उन्हें पता चला कि वीरेंद्र को बंधक बना लिया गया है।
30-40 हजार रुपये सैलरी देने की कही बात
वीरेंद्र के परिवार वालों का कहना है कि वीरेंद्र को भारतीय एजेंट्स ने विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और 30 से 40 हजार रुपये हर महीने सैलरी देने की बात कही. एजेंट्स ने वीरेंद्र से 4 लाख रुपये भी ठगे. परिवार वालों ने बताया कि 3 जून से उन्हें वीरेंद्र की कोई खबर नहीं है और न ही बात हो पाई है. वीरेंद्र के परिवार वालों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है औऱ मुकदमा दर्ज कराई है.
इस मामले पर डीएम बागेश्वर रंजना राजगुरु का कहना है कि मामले की सूचना गृह मंत्रालय को दे दी गई है, पुलिस को भी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।