देहरादून: देशभर में बाघों की घटती संख्यां को लेकर कई प्रोजेक्ट चलाए जाते रहे हैं। बाघों को बचाने के लिए समय-समय पर प्रयास होते रहते हैं। कम होती बाघों की संख्या से सरकार परेशान रहती है। लेकिन, उत्तराखंड में बाघों की बढ़ती संख्या ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। विभाग के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है। इनको संभालने की चिंता वन विभाग को परेशान कर रही है। वन विभाग कॉर्बेट और राजाजी पार्क में बाघों और हाथियों की संख्या को क्षेत्रफल के हिसाब से पुर्ननिर्धारित करने की कार्य योजना बना रहा है। इसमें मुख्य रूप से कॉर्बेट और राजाजी में संख्या बढ़ाने और घटाने की तैयारी है। इसके लिए विभाग ने समिति बनाई है। जो इसका अध्ययन कर संख्या को क्षेत्रफल के अनुरूप करने के उपाय सुझाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कॉर्बेट पार्क में 252 बाघ हैं। जबकि इसका कुल क्षेत्रफल करीब 1230 वर्ग किलोमीटर है। इस लिहाज से इसमें 238 बाघ ही होने चाहिए। यहां क्षमता से करीब 14 बाघ ज्यादा हैं। आने वाले समय में इनकी संख्या में और इजाफा होगा। वन विशेषज्ञों के अनुसार, इससे आपसी संघर्ष, खाने की कमी और अन्य कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
राजाजी नेशनल पार्क में कुल 820 वर्ग किलोमीटर एरिया में करीब 37 बाघ हैं। जबकि इसमें करीब 87 की क्षमता है। ऐसे में इसमें अभी 50 और बाघ रखे जा सकते हैं। इसी तरह प्रदेश में हाथियों की संख्या करीब 1534 हो गई है, जो लगातार बढ़ रही है। इसे भी नियंत्रित करने की योजना है। इसके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ मिलकर विभाग विशेष कार्ययोजना तैयार कर रहा है।