देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस चुनावी तैयारियों में जुटी हैं। भाजपा की तैयारियों पुख्ता नजर आ रही हैं। ताजा नेतृत्व परिवर्तन वाले मामले के बाद यह साफ है कि तैयारी चुनाव को लेकर ही है। राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीति जानकारों का मानना है कि सर्वे और नेताओं की नाराजगी को देखते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया गया है। भाजपा चुनाव में इसको अपने लिए हथियार के तौर पर भी पेश कर सकती है। हालांकि कांग्रेस इसी मुद्दे पर भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है।
राज्य में विधानसभा चुनाव समय से पहले कराए जाने को लेकर आशंकाएं भी लगाई जानी लगी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक बयान के बाद इसकी चर्चा और तेजी से चलने लगी है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने बयान दिया है कि भाजपा उत्तराखंड में समय से पूर्व चुनाव करवा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी की लोकप्रियता तेजी से कम हुई है और जिस तरीके से चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री को बदला गया है। उससे बहुत सारी आशंकाएं लग रही हंै कि मुख्यमंत्री को उपचुनाव ना लड़वा कर समय से पूर्व 6 महीने पहले ही राज्य को चुनावों में झोंक दें।
अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा सीट खाली है क्योंकि सल्ट विधानसभा के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के कारण यह सीट खाली हुई है। अब ऐसे में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के पास एक विकल्य यह है कि वो सीधा इस सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन, भाजपा ऐसा करने के लिए काफी मंथन करेगी। बकौल पूर्व सीएम हरीश रावत भाजपा में गुटबाजी चल रही है। उनका दावा है कि बीजेपी के अंदर खाने जिस तरीके गुट बाजी सामने आई है, उससे इस सीट पर उपचुनाव में हार का खतरा बीजेपी के लिए मंडरा रहा है।
हरीश रावत ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि भाजपा सल्ट सीट पर उपचुनाव करवाएगी। हरीश रावत ने कहा कि अगर उप चुनाव कराने की भाजपा में हिम्मत होती तो मुख्यमंत्री निशंक होते या फिर अजय भट्ट होते। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा चुनाव में हार के डर से बीजेपी ने इन लोगों को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। बीजेपी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद और उससे पहले लोकप्रियता खो चुकी है। हरीश रावत ने कहा है कि जिस तरह से राजनीतिक उठापटक चल रही है, उससे राज्य उपचुनाव की तरफ नहीं, बल्कि सीधे चुनाव की तरफ बढ़ रहा है।