रुड़की : पिछले 8 माह से रुड़की के बहिस्तीपुर में धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में अब भारतीय किसान यूनियन ने भी बिगुल फूंक दिया है, भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी किसानों की मांगे न पूरी करने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता संजय चौधरी ने रुड़की के प्रशासनिक भवन में प्रेस वार्ता कर बताया कि देवबंद/रुड़की रेलवे लाइन के लिए 2011 में किसानों की जमीनें अधिग्रहण की गयी थी. जमीनों के बदले लगभग 3 लाख रुपये बीघा मुआवजा और एक एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वायदा किया गया था, लेकिन सरकार अपने वायदे से मुकर गयी. ना तो अभी तक किसानों को मुआवजा दिया गया और ना ही सरकारी नौकरी, जिसको लेकर किसान पिछले 8 महीनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा उनकी सुध लेने नहीं पहुँचा. उन्होंने बताया धरनारत किसानों में से चार किसानों ने 26 जनवरी को आत्मदाह की चेतावनी दी थी, लेकिन वो चारों किसान प्रशासन के डर से धरनास्थल से गायब है.
संजय चौधरी ने बताया यदि किसानों ने आत्मदाह किया तो भारतीय किसान यूनियन दिल्ली की तर्ज पर बड़ा आंदोलन करेगी, उन्होंने उत्तराखंड पर भी किसान विरोधी होने का आरोप लगाया, कहा वर्तमान सरकार ने किसान हिट में एक भी कदम नही उठाया, साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा किसानो के कर्ज माफ ना करने वाले बयान पर कहा सरकार अपना अपना फायदा कर रही है, सातवां वेतन लागू करके अपनी तनख्वाह बढ़ा ली लेकिन किसानों के लिए इनके पास कुछ नहीं है।
संजय चौधरी ने बताया सरकार ने डेढ़ गुना मूल्य बढ़ाने की बात कही थी लेकिन डेढ़ गुना खाद पर बढ़ा दिया गया, जिससे किसान की मुश्किलें बढ़ी है। उन्होंने गन्ना भुगतान न होने से सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा गन्ना भुगतान को लेकर किसान देहरादून के चक्कर लगा रहा है, विधानसभा और मंत्रियों का घेराव करना पड़ रहा है, भाजपा की सरकार में किसान पूरी तरह से त्रस्त है.