हरिद्वार : लक्सर के एक गांव की स्थिति ऐसी है जैसे मानों कोई गांव नहीं बल्कि नहर या तालाब हो। वहीं जमा इस पानी से कई गंभीर बिमारियों की चपेट में गांव वाले आ सकते हैं लेकिन प्रशासन मौन है।
कोरोना के बाद डेंगू का सता रहा डर
आपको बता दें कि लक्सर विकासखंड के कुआंखेड़ा गांव का मैन रास्ता ही तालाब में तब्दील है ऐसे में लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। ये रास्ता वो रास्ता है जो कई गांव की सीमाओं को जोड़ता है। पूरे गांव की पानी की निकासी नाला ना होने के कारण इस गांव में गंदे पानी के साथ साथ गंदगी ने अपना साम्राज्य स्थापित कर दिया है। एक तरफ जहां कोरोना जैसी महामारी से पूरी देश और दुनिया समेत उत्तराखंड भी जूझ रहा है तो ऐसे में गांव वालों को अब डेंगू जैसी घातक बीमारी का भी डर सताने लगा है।
गांव वालों का आरोप-कई बार की गई शासन प्रशासन से शिकायत
एक तरफ जहां पूरे देश में स्वच्छता मिशन को लेकर लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं तो वहीं कुआं खेड़ा गांव में इसकी खुलकर धज्जियां उड़ रही है। गांववालों का कहना है कि उनके द्वारा कई बार पानी निकासी की शिकायत शासन प्रशासन से की लेकिन बीते 3 सालों से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत लक्सर उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा से की गई।
उपजिलाधिकारी ने की तुरंत कार्रवाई
शिकायत के आधार पर संज्ञान लेते हुए उपजिलाधिकारी ने जेसीबी मशीन लगाकर रास्ते पर पड़े कचरे को हटाकर मशीन से पानी निकाला। वहीं ग्रामीणों की मांग पर सड़क के दोनों और नाला निर्माण आरसीसी सड़क बनाने के दिशा निर्देश विकास खंड अधिकारी को दिए।