देहरादून: कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तराखंड में भले ही पिछले तीन दिनों से लगातार मामले कम आए हों, लेकिन उसके पीछे एक कारण कम टेस्टिंग को भी माना जा रहा है। हालांकि मौत का आंकड़ा लगातार डरा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के बीच तीसरी लहर की बातें भी होने लगी हैं। तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की बात भी कही जा रही है।
ऐसे में राज्य में तीसरी लहर से पहले ही बच्चों के पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में तेजी नजर आ रही है। एक और बात यह है कि दूसरी लहर में 90 से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना कम हो रहा है। लेकिन, चैंकाने वाली बात यह है कि पिछले केवल 15 दिनों के भीतर 1700 बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं। जिनकी उम्र जन्म से 9 साल है। कोरोना काल में अब तक प्रदेश में 51 सौ से धिक बच्चे कोरोना पाॅजिटिव हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण के लिहाजा से मई माह अब तक सबसे चुनौतीभरा रहा है। संक्रमित मामलों के साथ कोरोना मरीजों की मौत के मामलों में तेजी आई है। वहीं, संक्रमित बच्चों की संख्या भी बढ़ी है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 से 15 मई तक प्रदेश में 0 से 9 आयु वर्ग के 1700 बच्चों में कोरोना संक्रमण मिला है। विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का ज्यादा प्रभाव होने के संकेत दिए हैं, लेकिन प्रदेश में इससे पहले ही संक्रमित बच्चों का तादाद बढ़ने लगी है। बीते 15 दिनों में 11 से 19 आयु वर्ग में 7104, 20 से 29 आयु वर्ग में 21545 और 30 से 39 आयु वर्ग में 25626 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं। जबकि 90 से अधिक उम्र के 108 बुजुर्ग संक्रमित मिले हैं।