नैनीताल: नैनीताल जिले के ओखलकांडा के शहीद जवान में परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात गोरापड़ाव निवासी सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू बृहस्पतिवार सुबह पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए थे। शहीद जवान यमुना पनेरू ने बहुत कम समय में कई मुकाम सेना में अपने नाम कर लिए थे। उनको कई अवार्ड भी मिल चुके थे। उनकी शहादत की खबर के बाद से ही परिवार के लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के भाई का कहना है कि उनको भाई के जाने का दुख तो है, लेकिन खुशी इस बात की है कि उनका भाई देश पर कुर्बान हुआ।
ये सपना रह गया अधूरा
कुपवाड़ा में शहीद हुए उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू को पर्वतारोहण से खासा लगाव था। यमुना रिटायर होने के बाद पहाड़ के युवाओं को पर्वतारोहण के लिए तैयार कर करना चाहते थे और कुशल पर्वतारोही बनाना था। इसके लिए वह एक प्रशिक्षण केंद्र खोलना चाहते थे। वे इसी महीने के अंत में घर भी आने वाले थे।
आपको बता दें कि यमुना पनेरु कुपवाड़ा के गुरेज सेक्टर में तैनात थे जो बीते दिन पेट्रोलियम के दौरान शहीद हो गए। सेना में भर्ती होने के कुछ समय बाद जब उन्हें पर्वतारोहण का अवसर मिला तो 2012 में उन्होंने एवरेस्ट की चोटी फतह की। इसके बाद कंचनजंगा और नंदादेवी पर भी उन्होंने तिरंगा फहराया।
सीओ का कमीशन निकाला और हवलदार से सूबेदार बने
पर्वतारोहण की उनकी कुशल क्षमता को देखते हुए 2013 में सेना ने उन्हें दार्जिलिंग स्थित हिमालयन माउंटेनियरिंग संस्थान में बतौर प्रशिक्षक नियुक्त किया। 2014 में यमुना प्रसाद प्रशिक्षण देने के लिए भूटान भी गए।अपनी मेहनक के बलबूते भूटान से आने के बाद उन्होंने जेसीओ का कमीशन निकाला और हवलदार से सूबेदार बने।
शहीद के छोटे भाई भुवन चंद्र ने बताया कि पिछले साल दो माह की छुट्टी आने के बाद यमुना प्रसाद 30 अक्तूबर को वापस लौटे थे। अप्रैल में उन्हें फिर छुट्टी आना था लेकिन लॉकडाउन के कारण नहीं आ सके। 5 जून को भुवन का बेटा होने पर उन्होंने भुवन को बधाई दी। उन्हें ताऊ बनने की इतनी खुशी थी कि वह जल्द से जल्द घर आना चाहते थे। और उन्होंने जून के आखिरी सप्ताह में छुट्टी आने की बात भी कही थी। तीन दिन पहले भी उन्होंने भुवन को फोन कर कहा था कि बच्चे के नामकरण पर वह खूब मिठाई बांटे और नामकरण में नहीं आ सकते लेकिन जल्द बच्चे के पास पहुंचेंगे।
शहीद के भाई ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किये
शहीद के भाई ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि उनका भाई शहीद हो गया। कई और परिवार भी टूट चुके हैं। हमारे भाई मारे जा रहे हैं। सरकार कुछ नहीं करती। हमें कह दे तो हम पाकिस्तान से लड़ने के लिए तैयार हैं। सरकारें बस टरकाती हैं। शहीद की पत्नी बार-बार बेहोश हो रही है। आंखों से बस आसू निकल रहे हैं। कुछ बोल भी नहीं पा रही हैं। बार-बार बस अपने पति को याद कर रही हैं। परिवार के दूसरे लोग किसी तरह उनको ढांडस बंधा रहे हैं। हौसला देने का प्रयास कर रहे हैं।