देहरादून: कई बार नेता सदन में सरकार या विपक्ष को घेरने के चक्कर में जल्दबाजी में कुछ ऐसे कदम उठा देते हैं, जिसके बाद दूसरे को घेरते-घेरते वो अपने सवालों से खुद ही घिर जाते हैं। कुछ ऐसा ही कांग्रेस विघायक काजी निजामुद्दीन के साथ भी हुआ। उन्होंने संसदीय कार्यकमंत्री मदन कौशिक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाया था।
उन्होंने नइकबालपुर शुगर मिल के किसानों के 2019-2020 के बाकाया भुगतान को लेकर सरकार पर झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया था और इसी मसले को लेकर उन्होंने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया था। इस पर मदन कौशिक ने सदन में जवाब दिया तो काजी निजामुद्दीन घिर गए।
इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अगर 2019-20 के गन्ना भुगतान किसानों का हो गया हो और इसकी पुख्ता जानकारी सरकार देती है तो वो सदन में माफी मांग लेंगे। मदन कौशिक ने कहा कि सदन को दी जानकारी आयुक्त से मांगी गई है और उनकी दी जानकारी झूठी नहीं हो सकती है।
सदन में काजी ने खुद को घिरता देख बात को पलट दिया और कहने लगे कि चेक दिया गया, लेकिन उसका भुगतान नहीं हुआ है। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश ने कहा कि अधिकारियों की जानकारी पर मंत्री जवाब देते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को दी जाने वाली जानकारी का अधिकारी बारीकी से अध्यन करें। मामले को बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को किसी तरह शांत करा दिया।