देहरादून: देशभर में गन्ना किसान भले ही आंदोलन कर रहा हो, लेकिन उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने किसानों के हितों में कई बड़े कदम उठाए हैं। किसानों की समस्याओं को पहले स्थान पर रखा भी और प्रमुख्ता से उनका समाधान भी किया। उत्तराखंड अकेला ऐसा राज्य है, जिसने किसानों के गन्ना बकाया का पूरा भुगतान किया है। सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिली है। इतना ही नहीं, कई अन्य बड़े निर्णय भी सरकार ने किसान हितों में लिए हैं।
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर इस बार ऐतिहासिक काम कर दिखाया। राज्य में पहली बार गन्ना किसानों का सौ फीसदी बकाया भुगतान कर दिया गया। आमतौर पर सरकारें इस मसले पर आलोचना का शिकार होती रहीं हैं, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने इस मसले का तोड़ निकाला और एक झटके में सालों से चली आ रही दिक्कत को दूर कर दिया।
राज्य के किसानों की मदद के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना सरकार की एक ऐसी योजना शुरू हुई है, जिससे बड़े स्तर पर किसानों को भाल मिलने वाला है। योजना के तहत किसानों को बिना ब्याज के 3 से 5 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। हालांकि सरकार इससे पहले भी 1 लाख रुपये तक का लोन बिना ब्याज के दे रही थी, लेकिन इस नए फैसले से किसानों को और बड़ी मदद मिलेगी।
त्रिवेंद्र सरकार ने एमएसपी पर किसानों की उपज खरीदने का नया रिकॉर्ड भी बनाया है। इस साल किसानों से तय टारगेट से 40 फीसदी अधिक धान खरीद हो चुकी है। ऐसे में किसानों के लिए ये कदम बड़े पैमाने पर मददगार साबित हो सकते हैं। इतना ही नहीं राज्य में पहाड़ी अनाज और दालों की खरीद के लिए भी नई पहल की है। सरकार ने मंडुआ और झंगोरे का समर्थन मूल्य तो घोषित किया ही। उसकी खरीद के लिए केंद्र भी बनाए, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला।