देहरादून। उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों में 3 महीने की फीस माफी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्राइवेट स्कूलों को फीस नहीं लेने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कथा कि जो स्कूल ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं, वो केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। फैसले में एक महत्वपूर्ण बात ये थी कि सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर अभिभावकों को किसी भी तरह का फीस का मैसेज भेजने पर रोक लागा थी। होईकोर्ट के फैसले के खिलाफ निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता को एक सप्ताह के भीतर अभिभावकों का पक्ष करने का समय दिया है।
भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने उठाई थी आवाज
बता दें कि भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने आवाज उठाई थी, जिसका मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बता दें कि इसमें नैनीताल हाईकोर्ट के कहा था कि प्राइवेट स्कूलों के द्धारा अभिभावकों को फीस के लिए किसी भी तरह का मैेसेज नहीं भेजा जाएगा। जिसे प्रिंसिफल प्रोग्रसिव स्कूल एसोशिएसन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हैै। वहीं नैनीताल हाईकोर्ट में तीन महीने की फीस माफ किए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले कुंवर जपेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कैवेट डाल दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुवंर जपेंद्र सिंह को भी पार्टी बना दिया है।
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई और प्राइवेट स्कूलों जो नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देेश पर स्टे लेने की मांग कर रहे थे उस पर कोर्ट ने आज स्टे नहीं दिया है। और अगली सुनाई दो हफ्तों के बाद करने को कहा है। कुल मिलाकर देखे तो नैनीताल हाईकोर्ट के बाद अब उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों और भाजपा नेता कुंवर जपेरद्र सिंह के बीच अभिभवकों की पीड़ा को लेकर जो लडाई चल रही है वो अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई।