उत्तराखण्ड में किच्छा के एक वायरल वीडियो ने एफआईआर की झूठी पोल खोल कर रख दी है. 03 जनवरी को जानलेवा गोलीबारी के आरोप में एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था.
उधम सिंह नगर जिले के किच्छा स्थित शान्तिपुरी गेट न.4 में भूमि विवाद को लेकर पिछले 03 फरवरी हुई फायरिंग में एक पक्ष के खिलाफ एफ.आई.आर.दर्ज करा दी गई थी. आज घटना की सत्यता को दिखाता एक वीडियो सामने आने के बाद केस में कुछ दूसरा ही नजारा देखने में आ रहा है. यहां दूसरे पक्ष ने खुद वीडियो बनाते हुए पहले पक्ष की चार नई काली स्कोर्पियो गाड़ियों, एक थार और एक ट्रैक्टर को भारी नुकसान पहुंचाया है. दूसरा पक्ष बंदूकें, कृपाण, लाठी डण्डे आदि लहराता हुआ खेत में कब्जा करता नजर आ रहा है। नदी के किनारे की ये भूमि खेती के लिए बहुत उपजाऊ है. जबकि यही भूमि खनन माफियाओं के लिए भी एक मुफीद रास्ते का काम करती है। यह भूमि पिछले बीस से तीस वर्षों से खाली पड़ी थी. विवाद भूमि जोतने को लेकर हो गया था और इसके चलते कई राउंड हवाई फायरिंग हुई थी।
वायरल हुए विडियो मे साफ साफ दिख रहा है कि फायरिग कौन कर रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद ये साफ हो गया है कि जिस पहले पक्ष पर गोली चलाने का गंभीर आरोप लगाया गया है, वह तो शांत खड़ा है जबकि वीडियो बनाने वाला दूसरा पक्ष ही फायरिंग और जमकर उपद्रव कर रहा है. इस मामले में पुलिस ने केस भी पहले पक्ष के ऊपर दर्ज किया है जिसमे तारी टाकुली, अशोक टाकुली, गुडडू टाकुली व अन्य लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस घटना में मौजूद एक पक्ष बीते वर्षों, रोहित तिवारी हत्याकांड से भी जुड़ा रह चुका है।
एसएसपी उधम सिंह नगर बलजिंदर सिंह से जब इस वाइरल वीडियो के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सी.ओ.स्तर के अधिकारी को इसकी जांच दे दी गई है. उन्होंने कहा कि भूमि को लेकर ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, इसलिए किसी अनहोनी की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन को भी अवगत कराया जाएगा ।