टिहरी- वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के HOD का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने सरकारी आदेशों और प्रदेश की जीरो टॉलरेंस की सरकार की धज्जियां उड़ा कर रख दी है. जी हां ताजुब्ब तब ज्यादा हो रहा है क्योंकि प्रदेश में स्वास्थ विभाग के हालात बुरे हैं, न 108 की सेवा सही है और न सरकारी अस्पतालों के हालात जिससे मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में लूटा जा रहा है और उसके बाद ये वीडियो. जबकि स्वास्थय विभाग खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है जिनकी सरकार हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करती है.
डॉक्टर ने उड़ाई सीएम के विभाग औऱ सरकार के जीरो टॉलरेंस की धज्जिया
जब सीएम को ही दिए गए विभाग के ये हालत है को अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी विभागों के क्या हालत होंगे. इस वीडियो में आप देख सकते है कि डॉक्टर ने कैसे सीएम के विभाग औऱ सीएम के जीरो टॉलरेस की धज्जिया उड़ाई.
अपने सरकारी आवास पर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं, 300 रुपए रहे वसूल
जी हां HOD डॉ कलम सिंह बुटोला का कथित वीडियो सामने आया है। जिसमें वे अपने सरकारी आवास पर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। लोगों से फीस के तौर पर 300 रुपए भी वसूल रहे हैं। डॉक्टर साहब ने पर्चे पर बाकायदा अपना नाम भी छापा है। अब इस वायरल वीडियो से बवाल खड़ा हो गया है। श्रीनगर गढ़वाल स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के HOD डॉ कलम सिंह बुटोला का वीडियो सामने आया है। जिसमे डॉ कलम सिंह बुटोला श्रीनगर के श्रीकोट इलाके में स्थित अपने सरकारी आवास में धड़ल्ले से निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का विधानसभा क्षेत्र है
आपको बता दें जहां से सम्बंधित ये वीडियो है वो कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का विधानसभा क्षेत्र है औऱ ऊपर से खुद स्वास्थ विभाग सीएम के पास है.
पौड़ी के जिलाधिकारी का बयान
इस मामले में जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल सुशील कुमार का कहना है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए औऱ दोषी होने पर कार्यवाही की जाएगी.
कॉलेज में तैनात किसी भी डॉक्टर को निजी प्रैक्टिस की इजाजत नहीं
वहीं वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य और शरीर विज्ञान विभाग के एचओडी डॉ केके अग्रवाल का कहना है कि कॉलेज में तैनात किसी भी डॉक्टर को निजी प्रैक्टिस की इजाजत नहीं है। जो भी ऐसा करता हुआ पाया जायेगा, उसके खिलाफ जांच समिति बनाकर कठोर कार्रवाई की जायेगी।
देखने वाली बात होगी कि कितनी गंभीरता से इस मामले की जांच की जाती है औऱ सीएम त्रिवेंद्र रावत अपने स्वास्थय विभाग औऱ उत्तराखंड की जनता को लेकर और उनके स्वास्थय को लेकर कितने गंभीर दिखते हैं.