देहरादून- हल्द्धानी से दिल्ली जा रही उत्तराखंड परिवहन निगम की बस में युवती से छेड़छाड़ के मामले ने जहां रोडवेज बसों में महिलाओं की सुरक्षा की पोल खोल दी है, वहीं बड़ा सवाल ये भी बड़ा खड़ा कर दिया है कि जब निगम के बसों में ही महिलाएं यात्रा करने को लेकर सुरक्षित नहीं है तो फिर महिलाएं यात्रा करें तो करें कैसे. देवभूमि उत्तराखंड में जहां महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और रेप जैसी वारदाते बढ़ती जा रही हैं, वहीं बसों में भी महिलाओं के साथ छेड़छाड ने देवभूमि को शर्मसार कर दिया है।
मंत्री को अफसोस
रोड़वेज की बस में रोडवेज ड्राइवर के द्धारा की गई छेड़छाड़ की घटना की परिवहन मंत्री यशलाल आर्य निंदा की औऱ कहा कि यह एक शर्मनाक वाक्या है…लेकिन आगे से ऐसा न हो इसके लिए रोड़वेज की बसों में महिला सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का वो वादा करते हैं कि महिलओं की सुरक्षा को देखते हुए निगम की सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाएंगे। साथ ही जीपीएस सिस्टम को भी सभी बसों में लगाया जाएगा।
एआरएम पर गाज,दो दिन तक बस लापता
रोड़वेज की बस नम्बर यूके 07 पीए 2493 में बस ड्राइवर और एक यात्री के द्धारा छेड़छाड़ की जाती है लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम को इसकी कोई सूचना ही नहीं मिल पाती है…जो एक सवाल निगम पर भी खड़ा करता है कि निगम की बस में छेड़छाड के बाद बस का अता-पता दो दिनों तक नहीं था और निगम को इस बारे में कोई जानकारी की पता नहीं लगा पाती है…
निगम ने किया पिथौरागढ़ के एआरएम राजेंद्र कुमार आर्य को सस्पेंड
मामल जब मीडिया में उछला तो तब जाकर निगम को पता लगा कि उनकी बस गाजियाबाद के बाबूगढ़ में खड़ी है….जहां पर 100 नम्बर पर पुलिस को बस में छेड़खानी की शिकायात मिलने के बाद पुलिस ने बस को रोक दिया था। बस की सूचना मुख्यालय तक न पहुंचने और मामले की जानकारी मुख्यालय तक न होने को लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य निर्देश पर निगम ने पिथौरागढ़ के एआरएम राजेंद्र कुमार आर्य को सस्पेंड कर दिया है ।एआरएम राजेंद्र कुमार आय को इसलिए सस्पेंड किया गया है कि उन्होने दो दिनों तक न तो बस के बारे में कोई जानकारी ली और न की मामले को लेकर मुख्यालय को अवगत कराया।
छेड़छाड़ का आरोपी ड्राइवर बर्खास्त
वहीं परिवहन निगम ने छेड़छाड़ के आरोपी ड्राइवर को बर्खास्त कर दिया है। निगम के एमडी बृजेश संत का कहना कि आरोपी ड्राइवर पर भले ही छेड़छाड़ के आरोप का लेकर पुलिस जांच कर रही है, लेकिन निगम के नियम है किसी भी अपराध में ड्राइवर 12 घण्टे तक सलाखों के पीछे रहता है तो उसे बर्खास्त कर दिया जाता है।