देहरादून: पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खाकी का हौसला बढ़ाने के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल दिया। मुख्यमंत्री ने कर्मियों के विशिष्ट वीरता प्रदर्शन और वीरगति को प्राप्त होने पर दी जाने वाली राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा की है। साथ ही हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल स्तर के तमाम कार्मिकों को दिए जाने वाले मोटर साइकिल भत्ते को भी 400 से बढ़ाकर 1200 करने का एलान किया।
शनिवार को पुलिस लाइन में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय भवनों के निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि पुलिस बल का मनोबल और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें अच्छी आवासीय व्यवस्था उपलब्ध हो। कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार के बजट से पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय व्यवस्था करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में गोवंश तस्करी के बढ़ते मामलों की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी को हरिद्वार के लिए एक विशेष स्क्वायड गठित करने के निर्देश भी दिए। पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष चिकित्सा प्रतिपूर्ति के अंतर्गत कुल 392 कार्मिकों के लिए एक करोड़ 83 लाख की धनराशि का भुगतान किया गया। इसके साथ ही शहीद पुलिस कर्मियों के आश्रितों के लिए साढे़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया। 29 मृतक आश्रितों को कांस्टेबल और तीन मृतक आश्रितों को चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्त भी किया गया।
सीएम ने ली रैतिक परेड की सलामी
इस अवसर पर पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक में रैतिक परेड का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परेड की सलामी ली और शहीद पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धाजलि दी। अन्य अतिथियों ने भी अपने कर्तव्य के दौरान शहीद हुए सात पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने हुए उन्हें सदैव अपनी यादों में संजोए रखने का संकल्प लिया।
पर्यटक व जनता में हो खाकी की बेहतर छवि: सीएम
कार्यक्रम के दौरान संबोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पुलिस बल सभी को न्याय और कानून के समक्ष समान मानकर काम करें। सभी पुलिस कर्मी विभाग की ऐसी छवि बनाएं कि वर्दी में खड़े किसी भी कर्मी को देख पर्यटक और जनता खुद को सुरक्षित महसूस करे। इस दौरान उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश की सीमाएं उत्तर प्रदेश, नेपाल और चीन से जुड़ी हैं, इसलिए यहां माओवाद, नक्सलवाद और आंतकवाद भी सिर उठा सकता है। इन खतरों से निपटने के लिए पुलिस बल को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
स्मृति दिवस पर यह हुई घोषणाएं
-पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय सुविधा बढ़ाने के लिए होंगे विशेष प्रयास
-पुलिस विभाग की कार्य क्षमता को बढ़ाने और कंपल्सिव करप्शन को जड़ से समाप्त करने के लिए थाना स्तर पर विभिन्न कार्यो के लिए तीन करोड़ की धनराशि का स्पेशल फंड बनेगा
-विभाग के कार्मिकों को विशिष्ट वीरता का प्रदर्शन करते समय वीरगति प्राप्त होने पर दी जाने वाली राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 15 रुपये किया जाएगा
-हेड कास्टेबल और कास्टेबल स्तर के समस्त पुलिसकर्मियों को दिया जाने वाला मोटर साइकिल भत्ता 400 से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा।
-पुलिस प्रशिक्षण केंद्र नरेंद्र नगर और सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार में नियुक्त प्रशिक्षकों को मूल वेतन का 15 प्रतिशत प्रशिक्षण भत्ता अनुमन्य
-कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और मादक पदार्थो की रोकथाम के लिए दो नए थाने और एक रिपोर्टिग पुलिस चौकी की स्थापना
-पुलिस विभाग में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी किट प्रदान करने की स्वीकृति
इन शहीद पुलिस कर्मियों को दी श्रद्धांजलि
निरीक्षक राम कुमार जुयाल, कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, कास्टेबल कलम सिंह, कांस्टेबल नरेंद्र कुमार, कास्टेबल रविंद्र सिंह कुंवर, कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह नेगी, कांस्टेबल नीतीश कुमार.
पुलिस स्मृति दिवस
देहरादून में सशस्त्र बलों में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। दरअसल, 21 अक्टूबर 1959 सीआरपीएफ की तीसरी बटालियन की एक कंपनी को भारत तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में हॉट स्प्रिंग में तैनात किया गया था। कंपनी की टुकड़ियों को बांटकर चौकसी करने को कहा गया था। इसी दौरान सीआरपीएफ की एक टुकड़ी पर चीनी सैनिकों ने धोखे से हमला कर दिया था। जिसमें सभी जवान शहीद शहीद हो गए थे। उसी दिन से इन जवानों को याद करने के लिए पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।