देहरादून : निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद जहां भाजपा के भीतर घमासान मचा हुआ है और पार्टी के नेता एक दूसरे पर हार को लेकर जमकर बयानों के जरिए अपनी भड़ास मिटाने का काम कर रहे हैं. तो वहीं पार्टी ने निकाय चुनाव में एक भीतरघातियों पर कार्रवाई करने को मन बनाया है जो निकाय चुनाव में पार्टी के साथ दिखावे के लिए थे, लेकिन काम पार्टी प्रत्याशियों को हराने का कर रहे थे.
भट्ट ने दिए भीतघातियों पर कार्रवाई करने के निर्देश
निकाय चुनाव के रण में बेशक भाजपा कांग्रेस से 20 के मुकाबले 21 रही हो, लेकिन ज्यादा सीटें आने के बावजूद भी भाजपा में इन दिनों निकाय चुनाव के नतीजों पर महाभारत छिड़ा हुआ है…पार्टी प्रत्याशियों को हराने के लिए नेता एक दूसरे पर बयानों के बाण छोड़ रहे हैं लेकिन इन सब तमाम बातों का प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने संज्ञान लेते हुए भीतघातियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना कि जिसने भी पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव हराने को लेकर काम किया है उसे पर पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी….इसके लिए प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
मांगी जा रही है उन नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट
भाजपा निकाय चुनाव में और बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी अगर भाजपा नेता पार्टी के लिए भीतरघाती होने का काम न करते..भीतरघाती होने का आरोप तो कई भाजपा के कई विधायकों और मंत्रियों पर भी लग रह है…जिन्होने पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के बजाय हराने का काम किया है लेकिन भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंशल का कहना कि जहां पर भीतरघात होने के आरोप लग रहे हैं वहां से उन नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट मांगी जा रही है, कि किस तहर उन्होने भीतघात करते हुए पार्टी को नुकसान पहुंचाया है…जिसने भी निकाय चुनाव में भीतरघाती होते हुए काम किया है उन पर पार्टी 15 दिसम्बर तक कार्रवाई करेगी।
कुल मिलाकर देखा जाए तो राजनैतिक दलों का ये रवैया भी रहा है कि जो छुट भईया कार्यकर्ता पार्टी के होते हैं और वह अगर भीतरघात करते हैं तो तमाम दल उन छुट भईया नेताओं पर कार्रवाई भी करते हैं लेकिन जो बड़े नेता पार्टी के चुनाव में नुकसान ही नहीं पार्टी की नींव हिलाने का काम भी करते हैं. उन पर राजनैतिक दल कार्रवाई का साहस तक नहीं उठा पाती है और ऐसी कुछ नौबत निकाय चुनाव में भाजपा के सामने है जहां छुटभईया नेताओं ने पार्टी को कम और बडे़ नेताओं ने बड़ा नुकसान पार्टी को पहुंचाया है…तो देखना यही होगा कि क्या पार्टी निकाय चुनाव में बड़े भीरतघातियों पर भी कार्रवाई करती है या महज छोटे कार्यकर्ताओं पर ही इसकी गाज गिरती है।