देहरादून : देहरादून के तीन पुलिसकर्मियों ने वर्दी पर कलंक लगाने का काम किया. आचार संहिता लगने के बाद चैकिंग के नाम पर पुलिस कर्मियों द्वारा की गई प्रॉपर्टी डीलर से 1 करोड़ लूट मामलें में नया मोड़ आ गया है. जी हां सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस लूट की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा जाएगा जिसके लिए आईजी गढ़वाल ने इसकी सिफारिश भी कर दी है।
जल्द हो सकती है सब इंस्पेक्टर सहित तीनों पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी
वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि लूट में शामिल सब इंस्पेक्टर सहित तीनों पुलिस कर्मियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस लूट की जांच का जिम्मा पुलिस मुख्यालय ने STF के डिप्टी कैलाश पंवार को सौंपा है औऱ डालनवाला थाने में तीनों पुलिस कर्मियों के लिए लूट का मुकदमा पहले ही दर्ज हो चुका हैं। वहीं पूछताछ के लिए जल्द STF तीनों पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले सकती है.
ये है मामला
गौर हो की प्रापर्टी डीलर अनुरोध पंवार चार अप्रैल की रात एक अन्य प्रापर्टी डीलर अनुपम शर्मा से व्यापार से संबंधित भुगतान लेने राजपुर रोड स्थित डब्लूआईसी क्लब गए थे। यहां क्लब के मैनेजर अर्जुन पंवार ने उन्हें नोटों से भरा बैग सौंपा था। अनुरोध बैग लेकर यहां से निकले तो रास्ते में आईजी की गाड़ी में सवार तीन पुलिसकर्मियों ने आचार संहिता के नाम पर नोटों से भरा बैग लूट लिया था। अनुरोध पंवार की तहरीर पर डालनवाला पुलिस ने नौ अप्रैल की रात प्रापर्टी डीलर अनुपम शर्मा और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। प्राथमिक जांच के बाद आईजी के ड्राइवर हिमांशु उपाध्याय, दरोगा दिनेश नेगी और घुड़सवार पुलिस के कांस्टेबल मनोज अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था। पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि दरोगा ने घटना के दौरान खुद को आईएएस अधिकारी बताया था।
बृहस्पतिवार को डालनवाला कोतवाली के इंस्पेक्टर राजीव रौथाण ने डब्लूआईसी क्लब के सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने कंट्रोल रूम के फुटेज का भी अवलोकन किया। पुलिस को दर्ज कराए बयान में अनुरोध पंवार ने लूटी गई कुल रकम का खुलासा नहीं किया है। उनका कहना है कि अनुपम शर्मा से बात करने के बाद साफ हो पाएगा कि बैग में कितनी रकम थी।