किच्छा (मोहम्मद यासीन) उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के किच्छा मे गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर किसानो ने चीनी मिल की अधिशासी निदेशक को ज्ञापन दिया। किसानों दर्जनों की संख्या में चीनी मिल के प्रशासनिक भवन पहुंचे।
शेष 89 दिन का 97 करोड़ रुपया बकाया
उन्होंने अधिशासी निदेशक रुचि मोहन रयाल से मिल कर बताया कि वर्तमान पेराई सत्र में चीनी मिल 100 दिन में 34 लाख कुंतल गन्ने की पेराई कर चुकी है। जिसका मूल्य लगभग 109 करोड़ रुपया बनता है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी मिल ने किसानों को मात्र 11 दिन का गन्ना मूल्य ही दिया है, जबकि शेष 89 दिन का 97 करोड़ रुपया बकाया है। उन्होंने बताया कि आगे होली का पर्व होने के कारण किसान को पैसे की जरुरत है।
हाईकोर्ट जाने की दी चेतावनी
किसानों ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि शीध्र भुगतान नहीं किया तो वह उच्च न्यायालय से अपने गन्ना मूल्य के मूलधन एवं ब्याज दिलवाने की मांग करेंगे। अधिशासी निदेशक रुचि मोहन रयाल ने उन्हें शीध्र भुगतान करने का भरोसा दिलाया है।
न कोई भुगतान और न कोई कार्रवाही
प्रदेश के किसानों का गन्ना मूल्य अरबों रुपए बकाया है। चीनी मिले ना तो गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं और ना ही सरकार कोई कार्यवाही कर रही है। किसान को ब्याज तो दूर की बात है उनका मूलधन भी नहीं मिल पा रहा है। यहीं कारण है कि किसानों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है और किसान आर्थिक रुप से इस समय काफी परेशान है। यहां के किसान गन्ने की खेती पर पूर्णतया निर्भर हैं। शादी विवाह हो या फिर दवा तथा बच्चों की पढ़ाई लिखाई सभी कुछ गन्ने के मूल्य पर ही निर्भर करता है। खेती में बीज खाद पानी व मजदूरी के लिए भी गन्ना मूल्य मिलने पर ही निर्भर है। ऐसे में चीनी मिलों द्वारा गन्ना भुगतान न किए जाने से किसानों के सामने आर्थिक संकट के साथ-साथ उनके बच्चों की पढ़ाई लिखाई भी प्रभावित हो रही है।
किसान कर्ज लेकर किसी तरह अपना काम चला रहे हैं। वही चीनी मिलें अरबों रुपए किसानों का दबाकर के मालामाल हो रही हैं। चीनी मिलें चीनी के दाम में गिरावट का रोना रोकर भले ही सरकार पर दबाव बनाने का प्रयासकर रही हैं परंतु सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है। कहीं ना कहीं हकीकत यह है कि किसानो के गन्नामूल्य को दबाकर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है।