देहरादून : उत्तराखंड में युवा पहले ही बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं और ऊपर से भर्ती के नाम पर परीक्षा में धांधली औऱ गड़बड़ी अभ्यर्थियों की मेहनत और सपनों पर पानी फेरने का काम करते हैं. और ये सब आयोग की लापरवाही के कारण ही होता है.
जी हां ऐसा ही कुछ अभ्यर्थियों के सपनों पर पानी फेरना का नया मामला उत्तराखंड में सामने आया है जिसमें लोक सेवा आयोग की हिंदी पर सवालिया निशान खड़े हुए. जी हां अभ्यर्थियों ने समीक्षा अधिकारी पदों के लिए हुई मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में कई गलतियां होने का आरोप लगाया है.
आपको बता दें लोक सेवा आयोग द्वारा समीक्षा अधिकारी के 181 पदों के लिए चली जिसमें उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 30 जनवरी को मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी किया। परिणाम आते ही हिंदी विषय में दिए गए अंकों को देखते हुए अभ्यर्थियों ने कई सवाल खड़े किए.
छात्रों ने आरटीआई में अपनी उत्तर पुस्तिकाएं मांगीं तो उसमें कई चौंकाने वाले खुलासे छात्रों ने किए. एक उत्तर पुस्तिका के बाहर कुल प्राप्त अंक 62 लिखे गए हैं और इसे अंग्रेजी एल्फाबेट में 63 लिखा गया है। इसके अलावा दो अभ्यर्थियों ने एक प्रश्न का एक ही उत्तर लिखा है, लेकिन एक को चार अंक दिए गए हैं तो एक को तीन अंक दिए गए हैं। इस परीक्षा में कई अभ्यर्थी .25 अंक से मुख्य परीक्षा में पास होने से रह गए और अगर उन्हें अंक बराबर मिलते तो वह भी साक्षात्कार के लिए अर्ह हो जाते।
वहीं लोकसेवा आयोग सचिव उत्तराखंड राजेंद्र कुमार का कहना है कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। अभ्यर्थियों को अगर परीक्षा परिणाम में किसी तरह का संशय है तो वे प्रत्यावेदन देने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसे छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी दोबारा की जा सकती है। लेकिन इसके लिए लिखित तौर पर आयोग को देना होगा।