देहरादून : पुलवामा हमला…देश के लिए काला दिन…पुलवामा अटैक की आज पहली बरसी है। पुलवामा हमले को याद कर और वो तस्वीर देख आज भी दिल दहल जाता है और मन में गुस्सा भर आता है। आज ही के दिन देश ने पुलवामा हमले में 40 जवान खोए थे। इन 40 जवानों में उत्तराखंड के दो जवान देहरादून निवासी मोहन लाल रतूड़ी औऱ खटीमा के वीरेंद्र सिंह राणा भी थे।
पिता की शहादत पर पत्नी औऱ बच्चों को गर्व
मूल रुप से उत्तरकाशी औऱ वर्तमान देहरादून निवासी मोहन लाल रतूड़ी का परिवार आज संभल गया है। पत्नी-बच्चों ने खुद को और परिवार को संभाला। पिता की शहादत पर पत्नी औऱ बच्चों को गर्व है। वहीं बरसी से एक दिन पहले शहीद की पत्नी बोली कि उन्हें गम तो है कि उनका संरक्षक उनके साथ नहीं है। लेकिन अभी भी देश रक्षा का जज्बा कम नहीं हुआ जी हां पिता को खोने के बाद शहीद का बेटा भी सैन्य अधिकारी बनना चाहता है।
आपको बता दें कि देहरादून निवासी शहीद मोहनलाल रतूड़ी की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। पत्नी सरिता ने बताया कि कि पति की शहादत के बाद अचानक परिवार की जिम्मेदार उन पर आ गई थी लेकिन उन्होंने सब कुछ संभाला और बच्चों ने भी इसमे साथ दिया। पत्नी-बच्चों ने एक दूसरे को और परिवार को बनाया।
शहीद का परिवार बिखर गया था लेकिन पत्नी-बच्चों ने खुद को संभाला
शहीद मोहन लाल रतूड़ी की पत्नी ने नम आंखों से कहा कि हमरा परिवार टूट गया था लेकिन किसी तरह संभाला सबकों। शहीद की पत्नी को पति की शहादत पर गर्व है। कहा कि पति की बदौलत आज उन्हें पूरे समाज, सेना, सीआरपीएफ और सरकार से सम्मान मिल रहा है। शहीद की पत्नी ने मदद के लिए सीआरपीएफ, सेना, सरकार का आभार प्रकट क्रया। शहीद मोहन लाल रतूड़ी की पत्नी ने कहा कि सबसे बड़ी बेटी अनुसूया की शादी हो चुकी है। जबकि बेटी वैष्णवी डीएवी पीजी कॉलेज से बीएड कर रही है। तीसरी बेटी गंगा कोटा में मेडिकल की कोचिंग कर रही है। बड़े बेटे शंकर को सरकारी नौकरी मिल चुकी है और उससे छोटा बेटा श्रीराम के वि आईटीबीपी में दसवीं कक्षा का छात्र है।
बेटा बनना चाहता है सेना में अधिकारी
बता दें कि शहीद मोहन लाल रतूड़ी का छोटा बेटा श्रीराम सेना में अधिकारी बनना चाहता है औऱ पिता की तरह देश की सेवा करना चाहता है। साथ ही पिता कीशहादत का बदला दुश्मनों से लेना चाहता है।
पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को खबर उत्तराखंड की ओर से श्रद्धांजलि और सलाम।