हल्द्वानी : आज के इस डिजिटल जमाने में भी लोग सिस्टम की लचर व्यवस्था के चलते दरबदर धक्के खाने को मजबूर हैं। इसकी बानगी हल्द्वानी में देखने को मिली जहां एक दामाद अपने ससुर का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पिछले 6 महीने से 2 जिलों के चक्कर काट रहा है। साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उसने हजारों रुपए भी खर्च कर दिए। उसके बाद भी उसे मृत्यु प्रमाण पत्र अब तक नहीं मिला।
एक ओर डिजिटल इंडिया अभियान के तहत ऑनलाइन प्रमाण पत्र देने की बात की जाती है। वहीं, दूसरी तरफ हल्द्वानी का दीपक कुमार अपने ससुर चतर सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उधमसिंह नगर और नैनीताल जिला प्रशासन के चक्कर काट काट कर थक चुका है। दर-बदर भटकने के बाद आज वो नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के पास गुहार लेकर पहुंचा, जहां दीपक कुमार ने बताया कि 6 महीने पहले उनके ससुर कि बाजपुर के पास जंगल में लाश मिली थी और हत्या के आरोप में उनका बेटा जेल में बंद है।
6 महीने से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र देने को कोई तैयार नहीं, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले के सीमा विवाद के बीच बाजपुर और कालाढूंगी प्रशासन मृत्यु प्रमाण पत्र देने में आनाकानी कर रहा है। लिहाजा दामाद दीपक दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है इसे सिस्टम हीला हवाली कहें या अधिकारियों की नाफरमानी। जो भी हो, जो काम चुटकियों में ऑनलाइन हो जाना था, उसके लिए दीपक कुमार 6 महीने से भटकते हुए अब नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश के घर पहुंचा है।