उत्तराखंड में कांग्रेस हमेशा से सेल्फ गोल करने के लिए जानी जाती है। इंदिरा हृदयेश और हरीश रावत की आपसी अदावत ने फिर एक बार ऐसा ही किया है। इंदिरा हृदयेश के ताजा बयान से हरीश रावत की सियासी गुणा गणित जगजाहिर हो गई है तो हार का डर भी सार्वजनिक हो गया है।
दरअसल इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि हरीश रावत हरिद्वार से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इंदिरा की माने तो हरिद्वार पर फाइट कठिन है। इंदिरा के बयान से लगता है कि हरीश रावत जबरन नैनीताल सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहें हैं। इंदिरा ने अपने बयान में ये तक बता डाला कि पैनल में किसका किसका नाम था। जबकि अभी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान तक नहीं हुआ है। इंदिरा की माने तो नैनीताल सीट से हरीश रावत का नाम पैनल में भी नहीं था।
इंदिरा के बयान से ये भी जाहिर होता है कि हरीश रावत अपने लिए सुरक्षित सीट की तलाश में हैं। चूंकि हरीश रावत हरिद्वार से 2017 में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं ऐसे में हो सकता है कि वो नैनीताल से खुद को सुरक्षित पाते हों।
इंदिरा हृदयेश ने ये बयान ऐसे समय में दिया है जब बीजेपी पूरे दम से पांचों सीटों पर वापसी करने की कोशिश में है और कांग्रेस अभी तक अपने कैंडिडेट्स भी तय नहीं कर पाई है। ऐसे में इंदिरा का ये बयान कांग्रेस की ये अंतर्कलह को जाहिर करता है जो उसे चुनावों में नुकसान पहुंचा सकता है।
इंदिरा का बयान सुनिए –