रविवार को बड़ी बिजली चोरी आई सामने , कइयों पर गिरी गाज
गौरतलब है कि गदरपुर में रविवार को बड़ी बिजली चोरी सामने आई। यहां यशोदा फ्लोर मिल मालिक की ओर से 11केवी लाइन से अपने निजी ट्रांसफार्मर को जोड़कर महीनों से बिजली चोरी की जा रही थी। 20 अप्रैल की रात को विजलेंस और विद्युत विभाग की टीम ने मिल में छापा मारा तो वहां लगभग 100 किलोवाट बिजली चोरी पकड़ में आई। यशोदा फ्लोर मिल के मलिक अजय पांडेय द्वारा सीधे 11केवी विद्युत लाइन में अपना निजी 800 एमवीए का ट्रांसफार्मर जोड़कर कई महीनों से रात के समय बिजली चोरी की जा रही थी। चोरी पकड़ने पर ऊर्जा निगम ने तत्काल जूनियर इंजीनियर महेंद्र कुमार, एसएसओ नारायण सिंह को निलंबित कर दिया। जबकि सेल्फ हेल्प ग्रुपके एसएसओ उमेश कुमार की सेवा समाप्त कर दी।
राधिका झा के आदेश पर सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और एसडीओ को सस्पेंड
वहीं सचिव ऊर्जा राधिका झा के आदेश पर अब इस मामले में सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और एसडीओ को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, चीफ इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। इसके साथ ही निदेशक परिचालन को तीन दिन में मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। झा ने ये भी निर्देश दिए हैं कि यूपीसीएल में लंबित पड़े सभी जांचों को अगले 15 दिनों में पूरा किया जाए। उनका साफ कहना है कि बिजली चोरी में बड़े अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।
यशोदा इंडस्ट्री लगाने वाले उद्यमी अजय पांडे का बयान
वहीं यशोदा इंडस्ट्री लगाने वाले उद्यमी अजय पांडे ने कहा कि उनके द्वारा जिला उद्योग केंद्र में 18 अक्टूबर 2018 को उद्योग लगाने के लिए आवेदन किया गया था सिंगल विंडो सिस्टम के तहत जो कि भारत सरकार द्वारा बनाया गया है यह नियम है कि उद्यमी को इधर उधर ना भटकना पड़े तथा सभी विभागों के अधिकारी मौके पर जाकर एनओसी और सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करेंगे साथ ही निर्धारित दिनों के अंदर विद्युत कनेक्शन चाहे वह कितने भी किलो वाट का होता जाएगा.
कहा ऑनलाइन को हम नहीं मानते आप ऑफलाइन आवेदन करें-अजय पांडे
अजय पांडे का कहना है कि उनके आवेदन करने के बावजूद जब निकटवर्ती पावर हाउस गदरपुर में संपर्क किया गया तो उनसे कहा गया कि ऑनलाइन को हम नहीं मानते आप ऑफलाइन आवेदन करें जिसकी रसीद उनके पास है तथा आगे की कार्रवाई के लिए 300000 नगद तथा एक बार 50000 का चेक जो विभाग के नाम का भरा जाना था इस चेक में एसडीओ का कहना था कि नाम हम हम चेक में नाम विभाग का दर्ज कर लेंगे और इस सब प्रक्रिया के बाद विभिन्न स्तर पर तथा कई बार मुझे फोन किए गए.
इन्होंने षड्यंत्र के तहत छापे मारने की कार्रवाई करी-उद्यमी अजय पांडे
जब मैंने फोन उठाना बंद कर दिया तब इन्होंने मेरे को व्हाट्सएप कॉलिंग भी शुरू कर दी. उसके बाद जब मैंने 300000 की रसीद मांगी तब इन्होंने षड्यंत्र के तहत छापे मारने की कार्रवाई करी. इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उन्होंने क्यों नहीं लगाया और आवेदन किए हुए हमें हमें 6 मार्च से अधिक हो गए हैं तथा नियम के अनुसार 90 दिन के अंदर मीटर तथा सभी बिजली विभाग की तरफ से सुविधाएं मिल जानी चाहिए थी…लेकिन इसमें भी हमारे साथ धोखा किया गया तथा ट्रांसफार्मर तथा एक अन्य मशीन मुझे खुद खरीदनी पड़ी विद्युत विभाग इस छापे में जिस के बिल को पकड़ा गया है. वह केवल भी एसडीओ स्तर के अधिकारी ने मुझे गदरपुर से उपलब्ध कराई थी जो कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की सरकारी के बिल है.
आपको बता दें कि विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा जिस प्लांट में छापेमारी कर उसे चालू व्यवस्था में दिखाया गया था आपकी जानकारी के लिए यह बताना जरूरी समझते हैं वह प्लांट अभी चालू व्यवस्था में नहीं है तथा उसमें निर्माण कार्य चल रहा है जबकि अधिकारियों द्वारा उसी प्लांट में बिजली चोरी होना दर्शाया गया है।
वहीं ऊर्जा निगम के अधिकारी मामले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।