हल्द्वानी: हल्द्वानी के गौलापार में प्रस्तावित आईएसबीटी को लेकर अब सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। पूर्व की कांग्रेस सरकार में गौलापार में आईएसबीटी का शुभारंभ कर डेढ़ करोड़ रुपये निर्माणदाई संस्था को दे दिया गया था। लेकिन, त्रिवेंद्र सरकार आने के बाद उस जगह आईएसबीटी पर रोक लगाते हुए आईएसबीटी का स्थान परिवर्तन कर दूसरी जगह बनाने के सरकार के फैसले का लोगों ने पहले भी विरोध किया था। अब एक बार फिर विरोध शुरू हो गया है।
त्रिवेंद्र सरकार को बने साढ़े तीन साल हो गए हैं, लेकिन अब आईएसबीटी के लिए नई जगह तक नहीं तलाश पाई। लिहाजा लोग सरकार के फैसले के खिलाफ फिर से आंदोलन के मोड़ में हैं। जैसे ही गौलापार क्षेत्र की आबादी को यह जानकारी मिली कि उनके क्षेत्र से आईएसबीटी स्थानांतरित होकर दूसरी जगह शिफ्ट हो रहा है, तो ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया।
पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और गौलापार के स्थानीय लोगों ने बुधपार्क में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि जब भूमि आवंटित होकर सैकड़ों पेड़ कटवा कर गौलापार में आईएसबीटी का निर्माण शुरू कर दिया था, तो सरकार को ऐसी क्या परेशानी थी कि वहां से आईएसबीटी को शिफ्ट किया गया।
तत्कालीन समय में नर कंकाल मिलने का हवाला देकर 80 करोड़ के आईएसबीटी के प्रोजेक्ट को न सिर्फ सरकार ने रुकवा दिया। बल्कि साढ़े 3 साल बाद भी आईएसबीटी के नाम पर सिर्फ सियासत के अलावा कुछ नहीं हुआ। लिहाजा कांग्रेस नेताओं और गौलापार क्षेत्र की जनता ने सरकार को चेतावनी देते हुए जल्द से जल्द गौलापार के ही चयनित स्थान पर आईएसबीटी बनाने की मांग की है।