देहरादून : सूचना आयोग ने आरटीआइ एक्ट में हीलाहवाली करने और आयोग को भ्रमित करने के मामले में गृह विभाग के अनुभाग अधिकारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका जिसकी वसूली उनके वेतन से तीन माह की समाप्ति के बाद कर ली जाएगी जिसकी जिम्मेदारी संयुक्त सचिव को दी गई है
दरअसल हुआ यूं की शामली निवासी शशि सैनी ने गृह विभाग से कई बिंदुओं पर आरटीआी के तहत जानकारी मांगी थी। जिसके बाद उसे तय समय के अंदर उचित जानकारी नहीं दी गई जिसके बाद आरटीआई कर्ता ने सूचना आयोग में अपील की। इस पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने गृह विभाग के अनुभाग-तीन के लोक सूचनाधिकारी/अनुभाग अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके अलावा आयोग ने अनुभाग अधिकारी को पुलिस महानिदेशक के पत्र पर की गई कार्रवाई, शासन को भेजे गए हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के पत्र व उनके साथ भेजे गए अभिलेखों को भी उपलब्ध कराने को कहा था।
लेकिन सख्ती के बाद भी अनुभाग अधिकारी ने 214 दिन का समय लगा दिया। साथ ही सूचना आयुक्त नपलच्याल ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अनुभाग अधिकारी ने अपीलार्थी की ओर से की गई अपील को लेकर भी आयोग को भ्रमित करने का काम किया है। जिसको देखते हुए अनुभाग अधिकारी पर 25 हजार रुपये का अधिकतम जुर्माना लगाया गया और इसकी वसूली की जिम्मेदारी संयुक्त सचिव को दी। आदेश में यह भी कहा गया है कि संयुक्त सचिव जुर्माना वसूल करने के बाद आयोग को भी सूचित करेंगे।