देहरादून – उत्तराखंड रोड़वेज से न केवल मुसाफिर परेशान हैं बल्कि मुलाजिम भी हलकान हैं। रोज आने जाने वाले मुसाफिर जहां वक्त पर बस के लिए दर-दर भटकतें हैं। वहीं मुलाजिम अपने हक के लिए आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।
उत्तराखंड रोड़वेज प्रबंधन को लेकर सड़क पर मुसाफिरों के और निगम में मुलाजिमों के तेवर तल्ख हैं। प्रबंधन की नीतियों से खफा रोड़वेज इंप्लाइज यूनियन से जुड़े कर्मचारियों की माने तो रिटायर्ड कर्मचारी अपने बकाया भुगतान के लिए एड़िया रगड़ रहे हैं, लेकिन मजाल क्या कि किसी को तरस आ जाए।
प्रबंधन के खिलाफ लामबंद होते मुलाजिमों के आरोप हैं कि मृतक आश्रितों को नौकरी नहीं दी जा रही हैं परिवार भुखमरी के कगार पर आ चुके हैं बावजूद इसके प्रबन्धन बेरहम बना हुआ है।
रोड़वेज इंप्लाइज यूनियन की मंडलीय बैठक में यूनियन के महामंत्री रवि पचौरी की माने तो ग्रेड पे का मसला हो या कर्मचारियों के बकाया भुगतान का या फिर मृतक आश्रितों का मसला किसी को भी सुलझाने में प्रबंधन दिलचस्पी नहीं ले रहा है।गांधी रोड़ संघ कार्यालय मे आयोजित बैठक में पदाधिकारियों ने आगे की रणनीति पर चर्चा की।
बहरहाल तय है कि अगर प्रबंधन ने मुलाजिमो की मांगों पर कान न धरे तो आज की बैठक कह रही है कि तल्ख तेवर सड़क पर प्रबंधन की पोल खोल कर रख देंगे।