चमोली: सुरंग में 300 एमएम की छड़ से ड्रिल करने के लिए मशीनें तपोवन पहुंच गई हैं। एनटीपीसी के जीएम आरपी अहिरवार ने बताया कि अब बड़ी मशीन से सुरंग के अंदर ड्रिल किया जाएगा। जहां से ड्रोन कैमरा दूसरी सुरंग के अंदर भेजा जाएगा। मरीन कमांडो, एसडीआरएफ, पुलिस के माध्यम से रैणी तपोवन से श्रीनगर डैम तक पूरे नदी किनारे सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। जिला मजिस्ट्रेट चमोली का कहना है कि चमोली में अब तक कुल 38 शव बरामद किए गए हैं। जिनमें से 12 की पहचान हो चुकी है और 26 अज्ञात हैं। अब बस केवल चमत्कार की ही उम्मीद बची है।
आपदा प्रभावित तपोवन और रैणी क्षेत्र में प्रभावितों और अपनों की खोज में आ रहे लोगों के लिए हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के साथ ही विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट की ओर से रैणी गांव में कई दिनों से भंडारा लगाया हुआ है और गोविंदघाट गुरुद्वारे में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के साथ ही करीब 250 लोगों के लिए रात्रि विश्राम और खाने की व्यवस्था भी की गई है। गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि तपोवन में भी भंडारा लगाया गया है।
ऋषि गंगा की जल प्रलय में जिन लोगों ने अपनों को खोया वे तो प्रभावित हुए ही, लेकिन आपदा ने तपोवन बाजार की रौनक भी छीन ली है। तपोवन और ऋषि गंगा परियोजना के सैकड़ों मजदूर और स्थानीय गांवों के लोगों की बाजार में दिनभर चहल-पहल बनी रहती थी। अब आपदा के बाद से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।