देहरादून : उत्तराखंड सहित पूरे देश के लिए बुरी खबर है। जी हां सियाचिन में तैनात टिहरी, चंबा ब्लाक के साबली गांव निवासी जवान की मौत हो गई इस खबर से पूरे जवान के गांव,क्षेत्र सहित पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर है। खबर है कि सियाचिन में तैनात 39 वर्षीय रमेश बहुगुणा की अत्यधिक ठंड और ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हुई है।
2002 में महार रेजीमेंट में भर्ती हुए थे
बता दें कि रमेश बहुगुणा फरवरी 2002 में महार रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। अगस्त 2019 में उनकी तैनाती सियाचिन में हुई थी। जानकारी मिली है कि 31 जनवरी को रमेश की तबीयत बिगड़ी थी जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए 1 फरवरी को चंडीगढ़ मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया गया। जिसके बाद आज अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई औऱ उनकी मौत हो गई। ये खबर पूरे उत्तराखंड सहित देश के लिए बुरी खबर है। देश ने एक जवान खो दिया।
दो बच्चों को छोड़ गए अकेला
जानकारी मिली है कि जवान के पार्थिव शरीर आज पैतृक गांव लाया जा रहा है। जिसके बाद बुधवार ऋषिकेश घाट पर हवलदार रमेश बहुगुणा का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जानकारी मिली है कि रमेश तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके दो बच्चे हैं। पत्नी का रोरोकर बुरा हाल है। रमेश की मां बेटे की मौत की खबर से बेसुध है।
जवान लापता औऱ फिर आई उत्तराखंड के लिए एक और बुरी खबर
माइनस 40 डिग्री तापमान वाले सियाचिन बार्डर पर उत्तराखंड का बेटा देश की सुरक्षा के लिए तैनात था जो की जिंदगी की जंग हार गया। लापता जवान राजेंद्र का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है जो की 9 जनवरी से लापता है औऱ इस बीच एक और बुरी खबर उत्तराखंड के लिए आई है। शहीद जवानों और देश सुरक्षा के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले जवानों को हमारा नमन।
पत्नी से करके गए थे वादा
हवलदार रमेश के भाई ने बताया कि रमेश पत्नी और बच्चों से वादा करके गए थे कि मार्च में अगली छुट्टी आएंगे और बच्चों का एडमिशन कराएंगे। लेकिन मासूम बच्चों को क्या मालूम कि उनके पिता अब वापस नहीं लौटेंगे औऱ इस दुनिया में नहीं हैं। दोनों मासूम खेलने कूदने में मशगुल हैं। बच्चे पिता की मौत की खबर से बेखबर हैं। मां-रिश्तेदारों को रोता देख उन्हें अंदाजा नहीं है कि सब क्यों रो रहे हैं।
जवान का बेटा अभिनव पहली कक्षा औऱ वैष्णवी बेटी एलकेजी में
बता दें कि मृतक जवान के दो बच्चे हैं। जिसमें बेटा अभिनव पहली कक्षा औऱ वैष्णवी बेटी एलकेजी में पढ़ती हैं. पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। मां सरस्वती बेटे की मौत की खबर से बेसुध हैं। पति की मौत की खबर सुनकर पत्नी बच्चों समेत नई टिहरी से अपने घर गांव साबली पहुंची गई। रमेश की पत्नी बच्चों समेत नई टिहरी चंबा में रहती हैं जो कि बच्चों को वहीं पढ़ाती हैं।।
नवंबर 2019 में ड्यूटी पर वापस लौटे थे
जानकारी मिली है कि जवान नवंबर 2019 में ड्यूटी पर वापस लौटे थे और बच्चों से नई कक्षा में एडमीशन दिलाने के लिए मार्च में घर आने का वादा करके गए थे। रमेश की मौत की खबर से पूरे गांव और उत्तराखंड के लोग शोकाकुल हैं। हमारे देश ने और उत्तराखँड ने एक बहादुर बेटा औऱ जवान खो दिया।