Dehradun : दम लगाके हाईशा! बेबस उत्तराखंड पुलिस, कार को खींचने के लिए नहीं क्रेन - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

दम लगाके हाईशा! बेबस उत्तराखंड पुलिस, कार को खींचने के लिए नहीं क्रेन

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून(दीपिका रावत) : एक तरफ तो उत्तराखंड पुलिस विभाग की एसडीआरएफ टीम का बोलबाला कई राज्यों में है. हाल ही में उत्तराखंड की एसडीआरएफ टीम रेस्क्यू के लिए आंध्रप्रदेश गई और इससे पहले यूपी में भी कई अभियान चला चुकी है.. इसके अलावा कई राज्यों में मदद के लिए उत्तराखंड की एसडीआरएफ औऱ पुलिस टीम को बुलाया जाता है औऱ उनके कामों की तारीफ की जाती है.

हाल ही में हुआ था पुलिसकर्मी पर चाकू से हमला

लेकिन उत्तराखंड पुलिस के जवानों की मन की व्यथा कौन जाने कि कैसे रिस्क लेकर वो काम करते हैं. हाल ही में देहरादून में एक झगड़े को सुलझाने गए पुलिसकर्मियों पर पूर्व फौजी ने चाकू से हमला कर लहूलुहान कर दिया था. पुलिस की सुरक्षा के लिए कोई नियम-कानून नहीं है. वहीं बात करें बीते दिन शक्तिनहर में डूबी कार की तो आज कार को बरामद किया गया. कार को बाहर निकालने की पुलिस बेबस नजर आई और तो और इस वक्त बच्चे भी पुलिस की मदद करते नजर आए जो की नदी के किनारे थे. कोई भी अनहोनी हो सकती थी.

कार निकालने के लिए पुलिस टीम को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा

जी हां गौर हो कि बीते दिन विकासनगर के शक्तिनहर में लापता कार आज बरामद की गई. नदी से कार निकालने के लिए पुलिस को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा. सिर्फ पुलिस की एसडीआरएफ टीम ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों ने भी दम लगाकर कार को बाहर निकाला. वहीं कार में किसी का शव बरामद नहीं हुआ जिसकी तलाश जारी है.

बाहरी राज्यों में बजता उत्तराखंड पुलिस का डंका लेकिन…

बड़ा सवाल ये है कि जिस पुलिस का डंका बाहरी राज्यो में बजता है लेकिन किसे मालूम की राज्य की पुलिस को ही ड्यूटी या रेस्क्यू करने के लिए कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस वीडियो से साफ है कि उत्तराखंड विभाग के पास संसाधनों की कमी है जो की पुलिस विभाग की किरकिरी कराता है. बात करें इस वीडियों की तो उत्तराखंड पुलिस विभाग के पास हादसे का शिकार कार को खींचने के लिए कोई क्रेन नहीं थी. सवाल है कि पुलिस कार को बाहर निकालने के लिए क्रेन की व्यवस्था क्यों नहीं कर पाई? क्योंकि वीडियों में देख सकते हैं एसडीआरएफ टीम और स्थानीय लोग दम लगाकर कार को बाहर की ओर खींच रहे हैं. गनीमत रही कि रस्सी छूटकर कार फिर से नदीं में नहीं गिरी क्योंकि हो सकता था इस वक्त कोई हादसा हो जाता तो इसके जिम्मेदार कौन होते? कई जगह कई बार पुलिस बेबस नजर आती है, अगर पुलिस विभाग को राज्य की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ बनानी है तो उन्हें अधिकारियों-कर्मचारियों को सुविधाएं मुहैया करानी होगी ताकि कर्मचारी साहस औऱ कर्तव्यनिष्ठा से काम कर पाए.

जरुरत है कि पुलिस विभाग को ओर से कर्मचारियों-अधिकारियों को हर व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए ताकि अच्छे से कर्तव्य का पालन कर सके और समय की बचत भी हो साथ ही खुद की जान भी सुरक्षित रहे.

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