उधम सिंह नगर (मोहम्मद यासीन)उधम सिंह नगर में मानवता को शर्मसार कर देने बाला मामला आया है जिसे देख ओर सुन कर आप हैरत में पड़ सकते हैं। मामला भी ऐसा की जो कि मानवता को तार तार कर दिया है। हर किसी व्यक्ति एक शव को देखकर उसे नमन करते हुए ईश्वर से उसकी आत्मा की शांति की कामना करता है, तो वही कुछ पुलिस कर्मचारी है जो मृत लोगों के शव को सरे आम ई रिक्शे से बांध के शव को लेकर गए। लेकिन मामले का संज्ञान होने के बाद भी कर्मचारियों पर पुलिस के आला अधिकारी भी कोई कार्यवाही नही करते हैं।
पुलिस कर्मियों ने मुर्दे को लगाई हथकड़ी
आपने जिंदा आदमी के हथकड़ी लगी तो देखी होगी लेकिन क्या आपने कभी मुर्दे के हथकड़ी लगी हुई दिखी है नहीं न…तो देखि एक मुर्दा पुलिस की हिरासत में जैसे ही आया पुलिस कर्मियों ने मुर्दे को हथकड़ी लगा दी। ये पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गयी। इस घटना की हर कोई निंदा कर रहा है लेकिन पुलिस महकमे को कोई फर्क नहीं पड़ा। आला अधिकारियों के मामला संज्ञान में आने के बाबजूद भी अभी तक किसी प्रकार की कोई करवाही अमल में नहीं लायी गयी है।
काशीपुर कोतवाली क्षेत्र का मामला
मामला काशीपुर कोतवाली क्षेत्र का है जहाँ एक व्यक्ति भुवन चंद निवासी ऊँचा कोट थाना बेतालघाट अज्ञात कारणों से काशीपुर आया हुआ था। भुवन ने आज सुबह अज्ञात कारणों के चलते विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। जिसके बाद भुवन काशीपुर के सरकारी अस्पताल में पहुच गया। जहाँ चिकित्सकों ने उसका इलाज करना शुरु किया लेकिन उसे बचा नहीं पाए। जिसके बाद चिकित्सकों ने मामले की जानकारी कोतवाली काशीपुर में दी। मामले की सूचना मिलते ही कोतवाली में तैनात दो सिपाही सरकारी अस्पताल में पहुंच गए। जहाँ उन्होंने अपनी हैवानियत का इस कदर परिचय दिया कि आप सुनकर भी दंग रह जाएंगे। दोनों सिपाहियों ने भुवन के शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर जाने के लिए एक ई रिक्शा की मदद ली। जिसमे पुलिस कर्मियों ने शव को स्ट्रेचर के साथ ई रिक्शे में उलटा सीधा रख दिया। यही नहीं पुलिस कर्मियों ने अपनी शव के प्रति क्रूरता दिखाते हुए शव के हाथों को ई रिक्शे से भी बांध दिया। जिसके बाद अस्पताल से निकलते ही ई रिक्शा एक बाइक से टकरा गया और जिससे बाइक भी गिर गई।
जब इस मामले में एसएसपी बरिंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि वाहनों की उपलब्धता न होने के कारण पुलिसकर्मियों द्वारा ऐसा कदम उठाया गया होगा।