देहरादून- एक ओर पीएम मोदी औऱ अमित शाह उत्तराखंड में भाजपा को बरकरार रखने में जहां दौरे पर दौरे और जी जान लगा रहे हैं वहीं राज्य सरकार के कुछ कैबिनेट मंत्री लग रहा है आराम फरमा रहे हैं. जी हां कुछ समय से त्रिवेंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री हरकत में नहीं हैं मानो कहीं गायब से हो गए हैं. क्या सरकार के कैबिनेट मंत्री आलसी हो गए या जनता के बीच आने से कतरा रहे हैं?? सिर्फ सीएम त्रिवेंद्र रावत और अजय भट्ट ही हैं जो अधिकतर हर जगह देखा जाता है.
वन मंत्री हरक सिंह रावत
बात करें वन मंत्री हरक सिंह रावत की कि राज्य में हालात ऐसे हो गए थे कि हर ओर आग ही आग थी. उत्तराखंड के हरे भरे जंगल जल रहे थे लेकिन मजाल जो वन मंत्री ने बाहर आकर या जनता के बीच आकर कुछ कहा हो. और हैरानी थी कि सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी हरक सिंह रावत को जनता के बीच जाकर कुछ कहने को नहीं कहा. हरक सिंह कई दिनों तक गायब रहे उसके बाद वो दिखे कोर बैठक में. न तो उन्हे जनता के बीच जनता दरबार में देखा जाता है.
अध्यक्ष अजय भट्ट औऱ कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे
भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट औऱ कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ही जनता के बीच औऱ कार्यक्रमों में देखें जाते हैं इसके अलावा कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी जरुरी कार्यक्रमों में ही नजर आते हैं. औऱ जनता के बीच देखे जाते हैं.
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, होना न होना एक बराबर
वहीं अगर बात की जाए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की तो एक तरह से उनका कैबिनेट में होना न होने एक बराबर है. क्योंकि वो न तो किसी कार्यक्रम में नजर आते है औऱ न ही जनता दरबार में. औऱ तो औऱ पर्यटन से सम्बंधित कुछ ही कार्यक्रमों में उनको देखा गया वरना उनका पद खाली ही लगता है.
कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत और रेखा आर्य
अगर बात करें वित्त मत्री और कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की तो काफी समय से वो भी मानों गायब से हो गए हैं. पीएम मोदी के कार्यक्रम से पहले औऱ अब उन्हे कहीं भी नहीं देखा गया. कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य भी इतनी सक्रिय नहीं हैं जो की काफी गंभीर मुद्दा है.
धन सिंह रावत
धन सिंह रावत भी कम ही नजर आते है. थराली में जीत के बाद तो मानो धन सिंह रावत भी गायब हो गए हो. अगर उन्हे किसी कार्यक्रम में देखा भी जाता है तो वह जनता से संवाद कम ही करते दिखाई देते हैं. या यूं कहें की सीएम औऱ अजय भट्ट ही हैं जो पार्टी को साख बचाने में लगे है. बाकी तो मानो गहरी नींद में हों.