पिथौरागढ़: देश की रक्षा करते हुए नागालैंड में शहीद हुए उत्तराखंड पिथौरागढ़ के गोपाल सिंह माहरा का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव ले जाया गया. गांव के बेटे को तिरंगे में लिपटा देख गांव के लोग बिलख के रोने लगे और पूरे गांव में मातम पसर गया. आपको बता दें शहीद गोपाल के पार्थिव शरीर को अंतयेष्टि के लिए रामेश्वर घाट ले जाया गया. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
एक साल बाद होने वाले थे रिटायर्ड
गौर हो की बुधवार को नागालैंड में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड का लाल गोपाल सिंह शहीद हो गए थे. शहीद गोपाल 24 असम राइफल में तैनात थे. साल 1987 में शहीद गोपाल सिंह असम राइफल का हिस्सा बने थे. जानकारी मिली है कि गोपाल एक साल बाद रिटायर्ड होने वाले थे. गोपाल ने 29 साल देश की रक्षा की. औऱ उन्होंने हाल ही में शहर में मकान बनाया था.
पिता भी थे सेना में औऱ भाई भी कर रहा देश की रक्षा
गोपाल के पिता भी आर्मी में थे जिनका देहांत 5 साल पहले हुए…गोपाल के बड़े भाई भी आर्मी में सूबेदार हैं और एक भाई दुकान चलाता हैं. जबकि गोपाल की पत्नी गृहणी हैं…एक बेटा 17 साल का है और 14 वर्षीय बेटी हिमानी है. उनका बेटा दिनेशपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में अध्ययनरत है. जबकि बेटी हिमानी सरस्वती शिशु मंदिर में नौवीं में पढ़ती है.