रुड़की : उत्तराखंड खनन माफियाओं के साथ शराब माफियाओं के हौसले बुलंदे हैं। खुलेआम खनन का और अवैध वसूली का खेल जारी है। ये बिना मिली भगत के संभव कैसे है? उत्तराखंड में एक ओर जहां खनन माफिया अवैध खनन कर अपनी जेबें भर रहे हैं तो दूसरी ओऱ ओर शराब माफिया मनचाहे दाम वसूल के ग्राहकों की जेब खाली कर रहे हैं। जब लोगों को लूटा जा रहा है और आवाज उठाने पर उन्हें ही दुकान से धक्के मार कर निकाल दिया जाता है। शराब पर ओवररेंटिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है.
सीएम धामी एक के बाद एक कर एक्शन ले रहे हैं। सीएम धामी कई विभागों के अधिकारियों की समीक्षा कर उनको दिशा निर्देश दे चुके हैं. आबकारी विभाग सीएम के पास है लिहाजा सीएम धामी से अपील की जाती है कि एक बार इन शराब के व्यापारियों पर भी लगाम कसी जाए और ओवररेटिंग कर ज्यादा दाम वसूलने वाले सैल्समैने पर भी कार्रवाई की जाए।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों का अधिभार बढ़ा दिया है। साथ ही नया माल अभी तक दुकानों में नही पहुंचा है लेकिन सेल्समैन इसका फायदा उठा रहे हैं। ठेका संचालक दुकान में रखे पुराने प्रिंट रेट का माल अपने हिसाब के रेट पर बेच रहे हैं. सेल्समैन मनचाहा दाम वसूल रहे हैं. कई बार ग्राहण इसका विरोध भी करते हैं लेकिन ठेका संचालकों पर कोई कार्रावई नहीं होती।
बीयर की बोतल पर 150 रुपये प्रिंट रेट और वूसले 180
ताज़ा मामला रुड़की का है जहां एक ग्राहक से प्रिंट रेट से अधिक दाम वसूले गए। ग्राहक ने बताया गया कि उसने दो बीयर और एक हॉफ खरीदा है और जो हॉफ उस ग्राहक ने खरीदा है। उसका प्रिंट रेट 390 रूपय था लेकिन उसके भी 400 रुपये लिए गए। इतना ही नहीं जो दो बीयर उसने खरीदी उसके उससे फोन पे द्वारा 2 बोतलों के 360 रुपये लिए गए। ग्राहक का कहना है कि बीयर की बोतल पर 150 रुपये प्रिंट रेट छपा है लेकिन उससे एक बोतल के 180 रुपये लिए गए। सेल्समैन द्वारा एक बीयर की बोतल पर 30 रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं।
आपको बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब ऐसा हुआ है बल्की इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आते रहे हैं लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी नींद में हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि शराब के दुकानदार अधिकारियों की जेबे भर रहे हों और इसलिए अधिकारी चुप्पी साधे हैं? सीएम धामी को जरुर मामले का संज्ञान लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए?