हरिद्वार: कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में भय का माहौल बना हुआ है। ऐसे में लोग कोरोना से बचने के लिए अलग-अलग उपाय कर रहे हैं। लोग कई प्रकार के नुस्खे अपनाने के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पुरानी परंपराओं की ओर भी लौट रहे हैं। हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के फार्मास्यूटिकल विभाग अध्य्क्ष सत्येंद्र कुमार राजपूत द्वारा 14 दिनों की कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन किया जा रहा है। उत्तराखंड उत्तरप्रदेश सहित देश विदेश से लोग जुड़ रहें है। यह 21 जून यानी विश्व योग दिवस तक चलेगा, जिसमें उनके द्वारा बताया जा रहा है कि सबसे महत्वपूर्ण है योग।
योग के नियमित अभ्यास से शरीर स्वस्थ तो रहता ही है साथ-साथ हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित होता है। योगासन से यह खांसी, जुखाम, वायरल बुखार, कमर दर्द, सांस लेने की तकलीफ आदि बीमारियां भी दूर भागती हैं। योग करने वाले व्यक्तियों में स्फूर्ति व ऊर्जा का संचार होने के साथ-साथ शरीर के नस नाड़ियों की शुद्धि भी होती है और हरिद्वार में गंगा की धारा के साथ योग करने से लाभ दुगने हो जाते हैं। योग को अपने जीवन से जोड़ने वाली रिशु अग्रवाल ने बताया कि भारत की पुरानी परंपरा दुनिया को कोरोना से लड़ने के लिए एक रास्ता दिखा रही है।
कोरोना काल में आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल कर लोग काढ़ा से अपना इम्युनिटी बूस्ट कर रहें है तो वहीं कोरोना के कारण लोगों में योग को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है। अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए लोग इन चीजों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। 21 जून को है विश्व योग दिवस है। हर साल पुरी दुनिया 21 जून को विश्व योग दिवस मनाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि योग को दुनियाभर में चर्चित भारत ने ही किया है। साल 2015 में ही विश्व योग दिवस की शुरूआत हो गई थी। वहीं, पंडित रविकांत शर्मा ने भी योग को आम जनमानस के लिए अहम बताया।