बता दें कि एनटीपीसी से 12 लोगों को सुरक्षित बचाया गया, ऋषि गंगा से भी 15 लोगों को बचाया गया है। वहीं अस आपदा में 5 पुल क्षतिग्रस्त हुए है। रेस्क्यू के लिए सैनिक और अर्धसैनिक बल समेत पुलिस एक जुट हो गई है।बता जिला प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी मिलकर युद्ध स्तर पर रात-दिन राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं और फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आपको बता दें कि आपदा स्थल पर एसडीआरएफ के 70 जवान,एनडीआरएफ की दो टीमें, आईटीबीपी के 425 जवान और एसएसबी की भी एक टीम रेस्क्यू कार्यों में लगी है। साथ ही आर्मी के भी 124 जवान रेस्क्यू कार्यों में लगे हैं। आपदा स्थल पर आर्मी के डॉक्टरों की 2 टीम और 2 एम्बुलेंस मुस्तैद है। स्वास्थ्य विभाग की 2 मेडिकल टीम,4 एम्बुलेंस और 2 108 एम्बुलेंस है। वायु सेना द्वारा एनडीआरएफ की टीम को आपदा पर पहुंचाया गया है। रेस्क्यू के लिए कुछ जवानों को और संसाधनों को स्टैंडबाई पर भी रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता ली जा सके।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लगभग 203 लोग आपदा में लापता हुए हैं। जिनमें से 11 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। हमें कल तक एक सहायक कंपनी के प्रोजेक्ट तपोवन के बारे में पता नहीं था। हम यह मानकर चल रहे हैं कि दूसरी सुरंग में 35 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। राहत-बचाव कार्य जारी है।
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