नैनीताल : बीते दिन हुए उत्तराखंड लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान लोगों में खासा उत्साह वोट करने को लेकर दिखा. बूढ़े हों या दिव्ययांग या पहली बार वोट देने आ रहे युवा सभी मतदान करने के लिए अति उत्साहित दिखे हालांकि कई जगह समस्याओं के हल न होने पर मतदान का बहिष्कार किया गया लेकिन कई लोगों में मतदान करने के लिए दिल में जोश नजर आया.
पार्वती ने मिसाल की पेश
जी हां बात करें पाटी ब्लॉक की धरसो निवासी दिव्यांग पार्वती की तो आप तस्वीर देख कर अंदाजा लगा सकते हैं कि पार्वती के लिए मतदान करना कितना अहमियत रखता है तभी तो दिव्यांग होने के बावजूद बिना किसी सहारे के हाथों के बल पर रेंगते हुए तीन किलोमीटर दूर मतदान करने पहुंची. साथ ही डोली उपलब्ध न करा पाने की प्रशासन की नाकामी पर आइना भी दिखाया।
पार्वती दोनों पैरों से दिव्यांग हैं और खड़ी नहीं हो सकती
मिली जानकारी के अनुसार 60 वर्षीय पार्वती देवी पत्नी स्व. भगदेव जोशी के एक बेटी व एक बेटा है। उन्होंने दोनों की ही शादी कर दी है। पार्वती दोनों पैरों से दिव्यांग हैं और खड़ी नहीं हो सकती। वह वर्तमान में दिव्यांग पेंशन भी लेती हैं। बीते दिन पार्वती ने अपनी अहम जिम्मेदारी निभाई और घुटने व हाथ से घसीटते हुए तीन किमी दूर स्थित परेवा बूथ पर वोट डालने पहुंची। जिसे देख हर कोई आचंभित हो गया। पार्वती ने मतदान केंद्र पर लगे कर्मचारियों को डोली की व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताते हुए अपनी समस्या भी बताई। उन्होंने कहा कि पूर्व चुनाव में भी डोली की व्यवस्था के लिए प्रशासन को लिखा था। तब भी उन्हें डोली नहीं मिल सकी और इस बार भी। बावजूद इसके पार्वती ने वोट देकर मिसाल कायम की है। पार्वती ने कहा कि वोट देने के बाद ही तो हम अपने हक की बात कर सकते हैं। यह हक भी तो हमें इस लोकतंत्र से ही मिला है। इसका विरोध नहीं करना चाहिए। जो भी जीतेगा मैं उससे क्षेत्र के विकास के साथ पलायन रोकने की बात कहूंगी।
एसडीएम चित्रा जोशी का कहना है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक डोली की व्यवस्था की गई थी। हो सकता कि डोली किसी अन्य दिव्यांग या वृद्ध मतदाता को लेकर गई हो। जांच कर पता लगाया जाएगा।