लालकुआं: तहसील में तैनात पटवारी इकबाल अहमद ने अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उनके साथ सरकारी नियमों की अवहेलना करते हुए लगातार परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार कानूनगो के पद पर पदोन्नत कर नैनीताल तहसील भेजना गलत है। यह भी आरोप लगाया कि 19 अक्टूबर को प्रमोशन करते हुए रजिस्टार कानूनगो बनाकर नैनीताल तहसील भेजने के जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश के एक दिन बाद ही 20 अक्टूबर को तहसीलदार लालकुआं बिना एसडीएम के अनुमोदन के ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दी।
हालांकि वह मेडिकल पर छुट्टी पर थेए जिसके बाद उन्होंने 11 नवंबर को आदेश रिसीव किया। जिसमें उन्होंने खुद को पर्वतीय सेवा के लिए अस्वस्थ होने की जानकारी भी दर्ज कर दी। अब उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि वे तत्काल तहसील लालकुआं से अवमुक्त होकर नैनीताल में कार्यभार ग्रहण करें। जबकि उन्होंने उक्त आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर कर रखी है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में उच्चाधिकारियों से 3 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। जिसके लगभग 2 सप्ताह बीत चुका है और बच्चे 1 सप्ताह में तहसीलदार लालकुआं द्वारा जबरन अवमुक्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया है कि ट्रांसफर के दौरान 15 दिन का समय विभाग द्वारा और ट्रांसफर होने वाले व्यक्ति द्वारा अपरिहार्य स्थिति में 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है मगर इन सभी नियमों को ताक पर रखकर तहसीलदार लालकुआं द्वारा कार्यवाही की जा रही है उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है और उसका जो भी निर्णय होगा वह उन्हें मान्य होगा बावजूद इसके उन्हें जबरन मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है।