देहरादून : उत्तराखंड में नील वर्दी धारण किए सीपीयू कर्मचारियों को अब नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. जी हां इस पर नई एसओपी पर पुलिस महानिदेशक ने मुहर लगा दी है। अब ट्रैफिक के साथ अपराध और दुर्घटना नियंत्रण भी सीपीयू की जिम्मेदारी में शामिल किया गया है। इसके अलावा चालान में भी 80 फीसद इंफोर्समेंट और 20 फीसद सामान्य चालान करने के निर्देश दिए हैं। इसी आधार पर हर महीने समीक्षा कर लापरवाह कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
कार्यप्रणाली पर लोगों ने उठाए सवाल
राज्य की नीली वर्दी वाली पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अक्सर लोगों ने सवाल उठाए हैं. लोगो ने सीपीयू पर चालान के नाम पर जनता को परेशान करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद सीपीयू की एसओपी में बदलाव पर मंथन हुआ। शुक्रवार को नई एसओपी पर चर्चा के बाद मुहर लग गई।
स्कूल खुलने औऱ बंद होने के दौरान शहर की व्यवस्था पर देना होगा ध्यान
आपको बता दें कि अब सीपीयू को स्कूल खुलने औऱ बंद होने के दौरान शहर की व्यवस्था पर ध्यान देना होगा. कैमरे की रिकॉर्डिंग से छेड़छाड़ करने परा कार्रवाई होगी. जिसके लिए हर महीने समीक्षा की बैठक होगी. इसके अलावा इंफोर्समेंट में कम से कम 80 प्रतिशत प्रवर्तन की कार्रवाई करनी होगी। इसमें डीएल निलंबन, रेड लाइट जंप, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग, मोबाइल का प्रयोग को शामिल किया गया है। साथ ही स्टंट ड्राइविंग, बिना नंबर प्लेट वाहन, गलत दिशा में वाहन चलाने, गलत तरीके से पार्क वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी है। अपराध में महिलाओं से छेड़छाड़, चेन स्नेचिंग, बिना नंबर प्लेट वाहन, संदिग्ध वाहनों की चेकिंग, अवैध असलाह चेकिंग एवं नाकाबंदी में जिला पुलिस के साथ चेकिंग की कार्रवाई करनी होगी। सीपीयू की मोटर साइकिल को 100 नंबर की बजाए अब 112 से जीपीएस से जोड़ा जाएगा। इससे मोटर साइकिलों की ट्रैकिंग की जा सकेगी।
ट्रैफिक कर्मियों की कर सकेंगे शिकायत
ट्रैफिक निदेशालय ने पहली बार ट्रैफिक समस्याओं के अलावा ट्रैफिक कर्मियों से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराने की भी सुविधा लागू कर दी है। ट्रैफिक निदेशालय की वेबसाइट के अलावा फेसबुक पेज पर इसकी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसमें वीडियो और अन्य सबूत भी दे सकते हैं। खासकर भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें इसमें दर्ज की जा सकती हैं।