उत्तराखंड में त्रिवेंद्र कैबिनेट के विस्तार अब जल्द होने की उम्मीद है। इस संबंध में खुद सीएम त्रिवेंद्र की ओर से इशारा मिलने लगा है। खबरें ये भी हैं कि कैबिनेट विस्तार में नए बनने वाले मंत्रियों के नाम पर भी फैसला हो चुका है। कोरोना के कम होने का इंतजार हो रहा है। इसके बाद कैबिनेट विस्तार कर दिया जाएगा। दरअसल कुछ दिनों पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने इस संबंध में एक बयान दिया था। भगत ने कहा था कि अब कैबिनेट विस्तार का सही समय आ गया है। भगत के इस बयान के बाद लगातार ये कयास लगाए जा रहे थे कि अब जल्द ही कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। इस बीच मीडिया के साथ अनऔपचारिक बातचीत में सीएम ने भी इशारा किया है कि कोरोना के दौर को खत्म होते ही कैबिनेट विस्तार हो जाएगा।
वहीं बंशीधर भगत ने भी कहा है कि कोरोना के चलते कैबिनेट विस्तार में देरी हो रही है। कोरोना का दौर कम होते ही कैबिनेट विस्तार होगा। बंशीधर भगत ने कहा है कि सीएम से उनकी बातचीत हो गई है। कैबिनेट विस्तार पर फैसला हो गया था लेकिन कोरोना के चलते नहीं हो पाया।
गौरतलब है कि राज्य में कैबिनेट की तीन सीटें खाली हैं। इन्हें भरना त्रिवेंद्र सरकार के लिए भरना मुश्किल है। विस्तार की संभावनाओं के बाद से दावेदारों को लेकर चर्चाओं का बाजार भी गर्मा रहा है। माना जा रहा है कि कैबिनेट में पहले से तय प्रोफाइल में कुछ फेरबदल भी होगा। इसके साथ ही जिलों के प्रतिनिधियों के तौर पर कैबिनेट मंत्रियों को रखना बड़ी चुनौती होगी। इसके साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को कैबिनेट मंत्रियों के कुनबे में जातीय समीकरण को भी संभाल कर रखना होगा। चूंकि तकरीबन दो सालों बाद चुनावों का साल आ जाएगा लिहाजा सरकार को ऐसे कैबिनेट मंत्रियों को रखना होगा जो जनता के बीच अपनी अच्छी पहचान रखें और बेहतर आउटपुट रखें। वहीं बुजुर्ग नेताओं की उम्मीदों को संतुष्ट रखना भी त्रिवेंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।