मां 40 की और बेटा 12 साल का, मां एक क्लास आगे
जी हां ऐसा ही कुछ किया है रेखा कठैत ने जो की उन महिलाओं के लिए मिशाल है जिनकी पढ़ाई बीच में छूट गई और आज तक वो गरीबी का रोना रोती हैं और कहती हैं वो जमाने में खर्चा ज्यादा था, घर का काम था तो नहीं पढ़ पाए…मामला रायपुर ब्लॉक के राजकीय उच्चतर प्राथमिक स्कूल वडेरना का। जहां रेखा कठैक ने अपने बेटे आकाश के साथ स्कूल में एडिमशन लिया. रेखा कठैत का बेटा 7वीं क्लास में है औऱ रेखा कठैत ने 8वीं कक्षा में दाखिला लिया है. दोनों में भले उम्र का कितना भी ज्यादा फासला क्यों न हो लेकर पढ़ाई में सिर्फ एक क्लास का फासला है. आपको बता दें कि रेखा कि उम्र करीब 40 साल औऱ उनके बेटे आकाश की 12 साल. जो दोनों साथ स्कूल जाते हैं औऱ देखने वाले उनको देख हैरान है,
टिहरी की रहने वाली हैं रेखा कठैत
आपको बता दें कि रेखा कठैक मूल रूप से वो टिहरी के ग्वेलीटांडा गांव की रहने वाली हैं। 7वीं क्लास के बाद किन्ही कारणों से उनकी पढ़ाई छूट गई थी। फिर शादी हो गई. दो बेटे भी हो गए। रेखा के पति ज्ञान सिंह कठैत ने भी उसे हौंसला दिया। रेखा के मन में कहीं एक कसक थी कि छूटी पढ़ाई को पूरा करना है। रेखा का बड़ा बेटा इस वक्त दसवीं में पढ़ रहा है। छोटा बेटा आकाश गांव के जूनियर हाईस्कूल में सातवीं क्लास में है।
एडमिशन की बात सुन प्रिंसिपल भी रह गई थी हैरान
जानकारी मिली कि बीते दिन रेखा बेटे के साथ स्कूल जा पहुंची और स्कूल में प्रवेश की बात कही जिसे सुन वहां कि प्रिंसिपल हैरान रह गई. उन्होंने तत्काल उपशिक्षा अधिकारी मोनिका बम से बात की। प्रिंसिपल की ये बात सुन मोनिका हैरान रह गई लेकिन उन्होंने रेखा के हौंसले को देखते हुए एडमिशन देने के आदेश दिए.
रेखा कठैत का बयान
स्कूल में दाखिले के बाद रेखा ने पहले दिन गणित पर जोर दिया और विज्ञान और सामान्य ज्ञान पढ़ा. इस दौरान रेखा ने कहा कि उन्हें बेटे के साथ स्कूल आने में कोई शर्म महसूस नहीं होती है. यह स्कूल आठवीं कक्षा तक है। मेरी पूरी कोशिश होगी कि आठवीं के बाद भी पढ़ाई जारी रखूं।
वहीं इस पर रायपुर की उपशिक्षा अधिकारी मोनिका बम ने कहा कि किसी वजह से पढ़ाई पूरी करने से रह गए लोगों के लिए रेखा किसी प्रेरणा से कम नहीं। पढ़ाई किसी भी उम्र से शुरू की जा सकती है।