9वीं गढ़वाल राइफल में तैनात हैं धीरज
आपको बता दें कि 9वीं गढ़वाल राइफल का 21 वर्षिय जवान धीरज की पोस्टिंग अरूणाचल प्रदेश में है. उनकी 20 दिन की छुट्टी सेक्शन हुई थी और वो घर आ रहे थे कि वो बीच रास्ते से गायब हो गए. आपको बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब किसी जवान के साथ ऐसा हुआ हो बल्कि कई बार जवान जहरखुरानी का शिकार हुए हैं और कइयों को मौत के घाट उतारा गया है.
2017 में गोचर चमोली से 9 वीं गढ़वाल राईफल में हुए थे भर्ती
आपको बता दें धीरज पुत्र रमेश सिहं ग्राम सभा धौलागिरी पो० आ० कुमाल्डा तहसील धनोल्टी सन् 2017 में गोचर चमोली से 9 वीं गढ़वाल राईफल में भर्ती हुए थे. इन दिनों धीरज अरूणाचल व पश्चिम बंगाल बोर्डर पर सिलीगुडी के पास तैनाथ था।
23 जून से 13 जुलाई तक मिली थी धीरज छुट्टी
ग्रामीण और समाज सेवी तीरथ रावत से मिली जानकारी के अनुसार धीरज ने 23 जून से 13 जुलाई तक 20 दिन की छुट्टी ली थी और घर आ रहा था. लेकिन धीरज छुट्टी आने की बात घरवालों को नहीं बताई थी. लगातार कई दिनों तक उसने फोन पर घर पर बात भी की लेकिन लगभग एक हफ्ते से कोई बात नहीं हुई क्योंकि घर वाले ये सोचे हुए थे की धीरज ड्यूटी पर बिजी होगा लेकिन जब धीरज ड्यूटी पर नहीं था.
16 जुलाई तक यूनिट नहीं पहुंचे धीरज
धीरज के लापता होने का खुलासा तब हुआ जब धीरज 16 जुलाई तक यूनिट में नहीं पहुंचा तो अधिकारियों ने उसके मोबाईल नम्बर पर फोन किया जो स्वीट्च ऑफ था फिर घर पर 16 जुलाई को अरूणाचल 9 वीं गढवाल से फोन आया व धीरज के ड्यूटी पर न आने के बारे में पुछा गया तब घर वालों को सारी जानकारी मिल पाई।
धीरज के खाते से निकाले गए रुपये
वहीं हैरान करने वाली बात ये है कि धीरज के एटीएम से दिल्ली में महिपालपुर, पहाड गंज, चुना मण्डी पहाड गंज, बनारथ बाजार, नेताजी नगर से 1,34,000 रू० निकाले जा चुके हैं और धीरज का मोबाईल बंद है। वहीं अन्देशा लगाया जा रहा है कि धीरज दिल्ली में ही था क्योंकि छुट्टी आते वक्त दिल्ली तक कुछ और साथी भी उसके साथ थे। इससे घरवाले परेशान है.
परिवार वाले पहुंचे डीजी अशोक कुमार के पास
वहीं जिला पंचायत सदस्य अखिलेश उनियाल के साथ धीरज के घरवालों ने इस सम्बन्ध में अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से भी मुलाकात की औऱ मदद की गुहार लगाई है, वहीं अपर पुलिस महानिदेशक ने एस ओ जी टीम बनाकर इस मामले पर जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया है। वहीं गांव में धीरज की माता सावित्री देवी व पिता रमेश सिंह का रो रो कर बुरा हाल है।