ताजा मामला शिक्षा विभाग के दो शिक्षकों का संज्ञान में आया है,जिनको शहरी विकास विभान ने अपने विभाग में सहायक नगर अधिकारी नियुक्त किया है,जी हां शहरी विकास सचिव शैलेष बगोली ने बकायादा इसके आदेश भी जारी कर दिए है। आदेश के मुताबिक उधम सिंह नगर के राजकीय इंटर काॅलेज हमीरवाला में सहायक अध्यापिका तालिंदा अली को 3 साल की प्रतिनियुक्ति पर काशीपुर नगर निगम में सहायक नगर अधिकारी के पद पर नियुक्ति दी गई है वहीं पौड़ी जिले के राजकीय इंटर काॅलेज त्रिपाली सैंण में प्रवक्ता पद पर संवाएं दे रहे पंकज गैरोला को भी काशीपुर नगर निगम में सहायक नगर अधिकारी के पद पर नियुक्ति दी गई है। शहरी विकास विभाग में शिक्षा विभाग के से प्रतिनियुक्ति के मामले में शिक्षक संगठनों के शोसल मीडिया पर बने गु्रप में खूब चर्चाएं हो रही है।
प्रतिनियुति बंद तो कैसे हो गया आदेश
शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्तियों पर रोक लगा रखी है ऐसे में दो शिक्षक कैसे प्रतिनियुक्ति पर सहायक नगर आयुक्त बन गए ये भी सवाल उठ रहा है,लेकिन सवाल का जवाअ इसी में है कि यदि आप की पहुंच है तो फिर पहले आप जिस विभाग में जाना चाहते है वहां से आदेश करा ले और फिर बिना एनओसी के आप दूसरी विभाग में सेवा दे सकते हैं,उदाहरण के तौर पर शिक्षा विभाग में कुछ साल पहले दमयंती रावत को लिया जा सकता है जो श्रम विभगा में बिना एनओसी के पदभार ग्रहण कर चकी थी और अभी तक बिना उनओसी के शिक्षा विभाग से श्रम विभाग में काम कर रही है,कुछ इसी तरह दोनों शिक्षकों के साथ भी होने वाला है क्योंकि अभी तक तालिंदा अली को तो एनओसी विभाग से मिली नहीं है जो कुआऊं एडिशनल डारेक्टर का कहना है,ऐसे में सवाल उठता है कि जब विभाग से एनओसी जारी नहीं हुई तो फिर कैसे आंख बंद कर शहरी विकास विभाग ने शिक्षकों को अपने विभाग में नियुक्ति दे दी।
जब पद खाली हो तो प्रतिनियुक्ति कि क्या जरूरत
उत्तराखंड में बेरोजगारों की तादाद इतनी बड़ रही है कि सरकार के माथे पर भी लकीरे इतनी न हो लेकिन जब विभागों में पद खाली है तो फिर सरकार उन पर स्थाई नियुक्ति की जगह क्यों प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था कर रही है इस पर भी सवाल उठता है। इसलिए उत्तराखंड के शिक्षक भी कह रहे है कि शिक्षकों को शिक्षा विभाग में ही रहने दिया जाएं और जो पद प्रतिनियुक्ति से भरे जा रहे है उन पर सरकार को बेरोजगारों को रोजगार देकर भरना चाहिए। दोनों शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर बवाल मचना तय है ऐसे में देखना ये होगा कि आखिर दोंनों प्रतिनियुक्ति पर काम करेंगे या फिर शिक्षक की भूमिका में ही रहेंगे।
BJP to achi party h wo jo bhi karegi janta unke sath h arvind panday ji to pahle hi waisa gunda neta h wo jo karega wahi hoga