बागेश्वर : कुछ लोग कितने निर्दयी होते हैं जो एक बार जघन्य अपराध करने से पहले एक बार ये नहीं सोचते कि हर किसी का परिवार है, माता पिता है. और ये भी नहीं सोचते की अपराध करने के बाद वो कैसे बच जाएंगे.
पति, सास, ससुर और ननद को आजीवन कारावास की सजा
जी हां उत्तराखंड के बागेश्वर में 2017 में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था जिससे लोग आक्रोशित हो गए थे. दरअसल दो महीने की गर्भवती को उसके पति और ससुराल वालों ने मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद अब मृतका को इंसाफ मिला. जी हां विवाहिता को जहर देकर मारने के आरोप में जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. जीके शर्मा ने पति, सास, ससुर और ननद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पति और ससुर पर 75-75 हजार औऱ सास-ननद पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
13 सितंबर 2017 को हुई थी आरती की मौत
दरअसल गरुड़ तहसील के मन्यूड़ा, गागरीगोल गांव की आरती की 13 सितंबर 2017 को मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार आरती शादी से पहले गर्भवती हो गई थी। तब उसने फौजी रवि पांडे से शादी की ठानी। रवि ने शादी से इन्कार किया तो आरती ने उसके खिलाफ बैजनाथ थाने में तहरीर दी। तब रवि हाई कोर्ट पहुंच गया और वहां आरती से शादी करने के लिए सहमत हो गया।
5 जुलाई 2017 को हुई थी शादी
वहीं दोनों की शादी पांच जुलाई 2017 को आर्य समाज रुद्रपुर में हुई थी। 13 सितंबर की सुबह आरती खेत से काम कर घर लौटी। उस समय घर पर कोई नहीं था। करीब दस बजे उसने रसोई में रखे बाल्टी से पानी पीया तो उसकी तबीयत खराब हो गई। थोड़ी देर में उसकी मौत हो गई। आरती की मौत के बाद उसकी मां विमला देवी पत्नी मोहन चंद्र खुल्बे ने पति, सास, सुसर, ननद के खिलाफ बैजनाथ थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।
मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीएस पपोला ने 18 गवाह पेश किए। आरती के द्वारा पीये गए पानी व बाल्टी की जांच करवायी गयी। जिसमें जहर की पुष्टि भी हो गई।
ससुरालवालों को आजीवन कारावास औऱ जुर्माना
जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. शर्मा ने मृतका आरती के पति रवि पांडे व ससुर महेश चंद्र पांडे को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड व धारा 498ए में तीन-तीन साल की सजा और 25-25 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया। सास तारकेश्वरी पांडे उर्फ तारा देवी व ननद कु. रूचि पांडे को हत्या के लिए आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोनों को धारा 498ए के तहत तीन-तीन साल की कैद व पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया.