सियाचिन में तैनात उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल, चंबा के साबली गांव के बेटे हवलदार रमेश बहुगुणा की उपचार के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद बीते दिन शहीद जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार देर रात उनके पैतृक गांव लाया गया. पार्थिव शरीर को देख परिवार समेत पूरा गांव औऱ क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया। वहीं बुधवार को ऋषिकेश पूर्णानंद घाट में शहीद जवान को सेना द्वारा पुष्प चक्र अर्पित किया गया औऱ फिर सैन्य सम्मान के साथ शहीद जवान रमेश का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पार्थिव शरीर को उसके बड़े भाई दिनेश और बेटे अभिनव ने मुखाग्नि दी। महार रेजिमेंट के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
बच्चों का मां से सवाल-पापा को क्या होगया ?
पति को तिरंगे में लिपटा देख पत्नी लक्ष्मी देवी बेसुध हो गई, मां सहित परिवार बिलख पड़ा। शहीद के परिवार वालों को संभालने के लिए गांव के लोग मौजूद रहे और ढांढस बंधाते रहे। बच्चे मां से यहीं सवाल पूछ रहे कि मां पापा को क्या हो गया. लेकिन मां के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं। पत्नी से जवान ये वादा करके गया था कि मार्च में बच्चों के एडमिशन के लिए घर आऊंगा और बच्चों का दाखिला कराऊंगा। उन बच्चों को क्या पता कि उनके पिता अब कभी वापस नहीं आएंगे।
ठंड लगने औऱ ऑक्सीजन की कमी के कारण बिगड़ी तबीयत
बता दें कि सियाचिन में तैनात टिहरी जिले के साबली गांव निवासी हवलदार रमेश बहुगुणा (38) पुत्र स्व. टीकाराम बहुगुणा की अत्यधिक ठंड और ऑक्सीजन की कमी के कारण 31 जनवरी को तबीयत बिगड़ गई थी जिसके बाद रमेश को इलाज के लिए चंड़ीगढ़ आर्मी अस्पताल इलाज के लिए लेजाया गया जहां इलाद के दौरान जवान ने दम तोड़ दिया।
इस दौरान टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, प्रधान सुधीर बहुगुणा, सुशील कुमार बहुगुणा, डिमेश्वर प्रसाद, अंकित और महेश दिनेश सहित कई मौजूद रहे
जवान के बड़े भाई दिनेश ने बताया कि अत्यधिक ठंड के कारण उनके छोटे भाई रमेश के ब्रेन में खून का थक्का जम गया था और ऑक्सीजन की कमी भी हो गई थी जिस कारण तबीयत बिगड़ गई औऱ रमेश को चंडीगढ़ आर्मी अस्पताल लाया गया जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ऑपरेशन किया उनके भाई को बचाया न सका। हालांकि सेना ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
बड़ा खुलासा : सियाचिन में जवानों को नहीं मिल रहा पर्याप्त खाना और कपड़े, उत्तराखंड के जवान की मौत