रुड़की : ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने करीब चार निजी अस्पतालों पर छापेमारी कर जांच की हैं। अस्पतालों में भारी खामियां मिली जिन्हें प्रशासनिक टीम द्वारा दो को सील कर दिया गया बाकी पर कार्रवाई जारी है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने इन अस्पताल संचालकों पर कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
निजी अस्पताल कर रहे मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़
रुड़की में दर्जनों निजी अस्पताल पूरी तरह मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन अस्पतालों में ना तो क्वालिफाइड चिकित्सक है और ना ही मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं। आज इसी प्रकार के चार अस्पतालों में रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने सिविल अस्पताल रुड़की के सीएमएस डीके चक्रपाणि और अन्य चिकित्सकों के साथ मिलकर छापेमारी की। जिसमें आजाद नगर चौक के समीप स्थित जनजीवन अस्पताल, और रामनगर कोर्ट के बाहर लाइफ लाईन हॉस्पिटल व गणेशपुर स्थित एएमएच अस्पताल को सील कर दिया। छापेमारी के दौरान अस्पताल में भारी खामियां ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को मिली ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने दोनों अस्पतालों को सील करवा दिया।
ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि इन अस्पतालों के बाहर बोर्ड पर जो सुविधाएं लिखी गयी है वह अस्पताल में है ही नही, न ही कोई इस प्रकार का चिकत्सक मिला जो मरीजों का उपचार किया जा सके। उन्होंने बताया कि मरीजों के बारे में जो डिटेल मिली है उनमें अलग अलग चिकत्सकों के साइन हैं।
उन्होंने बताया के यहां मरीजों को जिन सुविधाओं की जानकारी देकर भर्ती किया जाता है उनसे खिलवाड़ हो रहा है। ऐसा लगता है कि यह अस्पताल बाहर से चिकित्सकों को बुलाकर मरीजों की जांच करवाते हैं। टीम में डा महेश खेतान, कोतवाली प्रभारी गंग नहर प्रदीप बिष्ट, लेखपाल अनिल गुप्ता आदि शामिल रहे।
आईएमए भी है परेशान….
इस प्रकार के निजी अस्पतालों के कारनामों से रुड़की के चिकित्सकों का संगठन आईएमए भी खासा परेशान है। क्योंकि जब भी इन अस्पतालों में कुछ गलत होता है तो उंगली सभी निजी चिकित्सकों पर उठती है। इस फर्जीवाड़े से निजात पाने के लिए आइएमए जल्दी अपनी संगठन से जुड़े अस्पतालों पर संगठन का बोर्ड लगाने वाली है।