रुड़की: आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सांइटिस्ट प्रोफेसर कमल जैन ने पहले एक सॉफ्टवेयर बनाया था, जो आपके आसपास कोरोना संदिग्ध या पाॅजिटिव मरीज के होने पर अलर्ट कर देता है। अब उन्होंने एक और बड़ा दावा किया है। उनका दावा है कि उन्होंने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जो कोरोना संदिग्ध के एक्स-रे की जांच से कुछ ही सेंकेंड में कोरोना का पता लगा लेगा। भारत में अपनी तरह का ये पहला दावा है।
प्रोफेसर कमल जैन का दावा है कि उनको कोरोना जांच का सॉफ्टवेयर बड़े काम आ सकता है। उन्होंने बताया कि इस एप का प्रयोग काफी आसान है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति को कोरोना से ग्रसित होने का संदेह हो तो उसे अपनी छाती का एक्सरे कराना होगा। इसके बाद यह सॉफ्टवेयर उस एक्स-रे को स्कैन करने के बाद डीप लर्निंग करेगा और यह बताएगा कि एक्स-रे रिपोर्ट वाले व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं या नहीं।
प्रोफेसर कमल जैन का दावा है किएप में कोरोना पीड़ित व्यक्तियों के एक्स-रे से संबंधित डाटा को फीड किया गया है। उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर उपलब्ध कोरोना पीड़ितों से जुड़ी एक्स-रे डिटेल को सॉफ्टवेयर में अपलोड किया गया है। संदिग्ध व्यक्ति के एक्स-रे को सॉफ्टवेयर में स्कैन करने के बाद यह एक्स-रे की न केवल मैचिंग करेगा, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ज्यादा एडवांस तकनीक डीप लर्निंग के द्वारा निष्कर्ष भी प्रस्तुत करेगा।