देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कई प्रत्याशियों ने दिल खोल कर पैसे खर्च किए। कई प्रत्याशियों ने जीत के लिए जी जान लगाते हुए अपनी जेब भी काफी ढीली की। बात करें देहरादून की तो कांग्रेस प्रत्याशी सूर्यकांत धस्माना ने भी खूब खर्चा किया।
आपको बता दें कि आचार संहिता लगने के दिन से लेकर 12 फरवरी तक नैनीताल जिले में खर्च के मामले में सबसे आगे भीमताल से भाजपा प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा रहे। उन्होंने बड़े-बड़े प्रत्याशियों को पछाड़ 26.64 लाख रुपये खर्च किए हैं। इसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी लाखन सिंह नेगी (23.88 लाख) दूसरे व लालकुआं से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व सीएम हरीश रावत 20 लाख खर्त करके तीसरे स्थान पर रहे।
हालांकि कुछ प्रत्याशियों ने अभी तक चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है। डोर टू डोर चुनाव प्रचार में कइयों ने दिल खोलकर खर्च किया। बता दें कि इस बार फायदा ये रहा कि प्रत्याशियों की खर्च की सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दी थी। आचार संहिता लागू होने के बाद से प्रत्याशियों के खर्च पर निर्वाचन आयोग की नजर थी। प्रत्याशियों को भी अपने खर्च का हिसाब खुद रखना था। 14 फरवरी को मतदान से पहले 12 फरवरी को प्रचार थम गया था। ऐसे में प्रत्याशियों ने 12 फरवरी को निर्वाचन विभाग को अपने खर्च का ब्यौरा दे दिया। कई प्रत्याशियों द्वारा उपलब्ध कराया गया निर्वाचन विभाग से मेल नहीं खा रहा था। हालांकि, अंतर कम होने के चलते इसे स्वीकार कर लिया गया। जबकि, कई ने अब तक ब्योरा नहीं दिया है।
हल्द्वानी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी समित टिक्कू ने सर्वाधिक 15 लाख 52 हजार 862 रुपये खर्च किए। कांग्रेस के सुमित हृदयेश 14 लाख 65 हजार 62 रुपये के साथ दूसरे और भाजपा के जोगेंद्र रौतेला 12लाख 95 हजार 400 रुपये खर्च के साथ तीसरे स्थान पर रहे। सपा प्रत्याशी शोएब अहमद ने 645565 रुपये, एआईएमआईएम के मतीन सिद्दीकी ने 584939 रुपये, बसपा के जितेंद्र सिंह ने 515321 रुपये और यूकेडी के रवि वाल्मीकि ने 57800 रुपये खर्च किए। जबकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े छात्र दिव्यांशु वर्मा ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मात्र 15664 रुपये खर्च किए