कोटद्वार : 20 दिंसबर से कोट्द्वार में जिलेवाल सेना भर्ती शुरु हुई है। आज सेना भर्ती का दूसरा दिन था। लेकिन दूसरे दिन जो चौकाने वाला खुलासा हुआ है उसे देख सब हैरान है। जी हां आपको बता दें कि सेना भर्ती में युवक कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर पहुंची। स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फर्जी वाड़ा सामने आया है।
500-500 रुपये में थमाई फर्जी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट
मामला रामनगर का है जहां संयुक्त चिकित्सालय की लैब में तैनात कर्मचारियों ने बिना जांच किए ही पैसे लेकर सेना भर्ती के लिए युवकों को फर्जी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट थमा दी। जानकारी मिली है कि कम से कम 100 से ज्यादा युवकों को 500-500 रुपये में फर्जी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट थमाई गई है। वहीं ये मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन और शासन में हड़कंप मच गया है। जानकारी मिली है कि सेना भर्ती के लिए युवाओं को जो कोरोना रिपोर्ट सौंपी गई है उसमे नोडल अधिकारी की फर्जी मोहर है साथ ही हस्ताक्षर भी किए हैं। मामले में अस्पताल प्रशासन और नोडल अधिकारी ने आरोपी लैब कर्मचारी के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
दरअसल मामले का खुलासा तब हुआ जब रिपोर्ट में तारीख का फर्जीवाडा किया गया। बता दें कि युवक 20 दिसंबर को अस्पताल में कोरोना जांच के लिए पहुंचे थे लेकिन जब उनको रिपोर्ट दी गई उसमे 27 दिसम्बर की तारीख डालकर युवकों को थमा दी। जबकि 27 दिसंबर आने में अभी 6 दिन बाकी है। फाउंडेशन के निरीक्षक मंगल सिंह को शक हुआ तो उन्होंने फाउंडेशन के साथी गणेश रावत औक तेजेश्वर घुघत्याल को मामले की जानकारी दी। गड़बड़ी लगने पर इसकी सूचना एसडीएम विजय नाथ शुक्ल को दी गई। एसडीएम ने इस मामले में नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कौशिक को मामले की जांच के निर्देश दिए। नोडल अधिकारी डॉक्टर कौशिक अस्पताल पहुंचे तो रिपोर्ट देखकर चौंक गये। युवाओं को सौंपी गई रिपोर्ट में नोडल अधिकारी की मोहर तो लगाई गई थी लेकिन उस पर जो हस्ताक्षर थे वो फर्जी थे।
नोडल अधिकारी ने बताया कि पहले भी मामला उनके संज्ञान में आया था तो उन्होंने अस्पताल की लैब में रैपिड एंटीजन की किट उपलब्ध कराना बंद कर दिया था। उन्होंने इस रिपोर्ट को भी फर्जी बताते हुए कहा कि वह इस मामले में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएंगे क्योंकि फर्जी रिपोर्ट से विभाग की बदनामी होने के साथ ही उनकी छवि भी धूमिल हुई है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पर जो हस्ताक्षर है वह उनके नहीं है। वहीं इस मामले में चिकित्सालय के एमडी डॉ. राकेश वाटर ने बताया कि इस मामले में उनकी ओर से भी कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।