ऋषिकेश: तीर्थनगरी के बहुचर्चित हार्दिक रावत अपहरण कांड के दोषी को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा व 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
आपको बता दें अपहरण कांड में शामिल चार लोगों में से एक आरोपित की हत्या कर दी गई थी, जबकि एक की कुछ महीने पहले ही मौत हो चुकी है। वहीं एक नाबालिग का मामला बाल न्यायालय में विचाराधीन है।
13 वर्षीय हार्दिक रावत का बदमाशों ने 50 लाख की फिरौती के लिए अपहरण किया था
गौर हो कि दोषी रोहित ने अपने पिता ओमवीर और एक नाबालिग युवक के साथ मिलकर ऋषिकेश के गंगा नगर निवासी 13 वर्षीय हार्दिक रावत का बदमाशों ने 50 लाख की फिरौती के लिए अपहरण कर दिया था. परिजनो ने 17.50 लाख की फिरौती देकर हार्दिक को उनके चंगुल से छुड़ा लिया था। वहीं पुलिस ने इसमे शामिल तीन लोगों को धर दबोचा। साथ ही फिरौती में दी गई 17.50 लाख रुपये की रकम भी बरामद कर ली थी।
आरोपित की उसी के साथियों ने कर दी थी हत्या
इस मामले में अपहरण की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपित गंगा नगर ऋषिकेश निवासी सत्यम बंसल की उसके ही साथियों रोहित व उसके सगे भाई ने हत्या कर शव को गंगनहर में फेंक दिया था। सगे भाइयों में से एक आरोपित के नाबालिग होने के कारण उसका मुकदमा बाल न्यायालय में विचाराधीन है। वहीं अपहरण के एक आरोपित ग्राम लिसाड़ जिला शामली, उत्तर प्रदेश निवासी रोहित के पिता ओमवीर की छह सितबंर 2018 को कैंसर के चलते मौत हो गई थी।
रोहित को भारतीय दंड संहिता की धारा 364ए में उम्रकैद व दस हजार रुपये अर्थदंड
वहीं आरोपित रोहित पुत्र ओमवीर का मुकदमा विचाराधीन था। इस मामले में न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित रोहित को दोषी पाया था। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा ने सजा के प्रश्न पर सुनवाई की। उन्होंने रोहित को भारतीय दंड संहिता की धारा 364ए में उम्रकैद व दस हजार रुपये अर्थदंड, धारा 120बी के तहत सात वर्ष के कठोर कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड, धारा 363, 328 व 368 में पांच-पांच वर्ष के कारावास व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।